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समाजवादी पार्टी को निकाय चुनाव में बड़ी जीत की उम्मीद, यह थी 2017 में स्थिति

समाजवादी पार्टी का तर्क है कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और राज्य में सरकार होने के बावजूद नगर निकायों में जन सुविधाओं की बदहाली से जनता परेशान है और स्मार्ट सिटी के दावे सिर्फ कागजी दावों तक सीमित रहे. ऐसे में नगर निगमों में समाजवादी पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी.

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Published : May 13, 2023, 11:06 AM IST

लखनऊ : नगर निकायों में मतगणना शुरू हो चुकी है। समाजवादी पार्टी को 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले नगर निकाय चुनाव में जीत को लेकर बड़ी उम्मीद है. समाजवादी पार्टी 2024 के चुनाव से पहले नगर निकायों में जीत दर्ज करने को लेकर इस बार काफी मेहनत भी करती हुई नजर आई थी. उम्मीदवारों के चयन में जाति समीकरण के साथ-साथ समाजवादी पार्टी ने अनुभव को भी तरजीह दी थी.

समाजवादी पार्टी को निकाय चुनाव में बड़ी जीत की उम्मीद, यह थी 2017 में स्थिति.


समाजवादी पार्टी ने आधा दर्जन नगर निगम के मेयर और काफी संख्या में नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में चेयरमैन के पदों पर समाजवादी पार्टी ने जीत का दावा कर रही है. जबकि पार्षद और सभासदों के पदों पर भी बड़ी जीत का समाजवादी पार्टी ने दावा किया है. समाजवादी पार्टी मेरठ सहारनपुर मुरादाबाद अलीगढ़ लखनऊ गोरखपुर में सहित अन्य नगर निकाय में अच्छा चुनाव लड़ रही है. इस बात को समाजवादी पार्टी के नेता व प्रवक्ता कह रहे हैं. समाजवादी पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा कहते हैं कि इस बार नगर निकाय के चुनाव में समाजवादी पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन करने के उद्देश्य से अच्छी चुनावी लड़ाई लड़ी है. भारतीय जनता पार्टी साजिश के तहत जनादेश को बदलने की साजिश कर रही है. वह कहते हैं कि समाजवादी पार्टी इस नगर निकाय के चुनाव में जातीय समीकरण के साथ-साथ अच्छी छवि के साफ-सुथरे उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की रीति नीति से प्रभावित होकर जनता ने समाजवादी पार्टी को बेहतर समर्थन दिया है.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ गोरखपुर कानपुर सहारनपुर सहित कई जगह पर पूरी दमखम के साथ चुनाव प्रचार करते हुए भी नजर आए थे. नगर निकाय चुनाव के परिणाम 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बड़ा संदेश देने वाले भी साबित होंगे जनता का क्या मूड है और जनता 2024 के लोकसभा चुनाव में क्या कुछ करने वाली है. इससे पता चलेगा. जमीनी हकीकत में समाजवादी पार्टी भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की क्या स्थिति है इसका भी अंदाजा लगाया जा सकेगा.


वर्ष 2017 के नगर निकाय चुनाव के परिणाम की बात करें तो पिछली बार 16 नगर निगम वाले क्षेत्रों में चुनाव हुआ था. जिनमें 14 पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी. बहुजन समाज पार्टी ने अलीगढ़ और मेरठ में जीत दर्ज की थी. महापौर की एक भी सीट पर कांग्रेस व समाजवादी पार्टी का खाता भी नहीं खुला था. 2017 के नगर निकाय चुनावों में 16 नगर निगम, 198 नगर पालिका और 438 नगर पंचायतों में चुनाव हुए थे. इस बार 17 नगर निगम 199 नगर पालिका व 544 नगर पंचायतों में चुनाव हो रहे हैं.


पिछले चुनाव में नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद की बात की जाए तो भारतीय जनता पार्टी 67 सीटों पर कब्जा कर पाई थी. समाजवादी पार्टी 45 और कांग्रेस पार्टी 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बहुजन समाज पार्टी ने 28 सीटों पर और सीपीएम ने एक सीट पर चुनाव जीता था. निर्दलीय उम्मीदवारों की बात करें तो 43 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी. इसी तरह अगर नगर पंचायत के अध्यक्ष पदों की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी 100 सीटों पर चुनाव जीतने में सफलता हासिल की थी. समाजवादी पार्टी 83 सीटों पर कांग्रेस 17 बहुजन समाज पार्टी 45, आम आदमी पार्टी दो सीट पर चुनाव जीता था. पिछले चुनाव में नगर पंचायत अध्यक्ष के पदों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने राजनीतिक दलों से ज्यादा चुनाव जीतने में सफलता प्राप्त की थी. निर्दलीय उम्मीदवारों ने 181 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की थी.


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