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रमज़ान से पहले अल्पसंख्यक आयोग की मांग, मस्जिदों से नहीं उतरवाएं लाउडस्पीकर - अल्पसंख्यक आयोग की मांग

रमजान शुरू होने से पहले उत्तरप्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने प्रदेश शासन को चिट्ठी लिखकर अपनी चिंता जताई है. साथ ही शासन से रमजान के दौरान मूलभूत सुविधा देने की मांग की है. साथ ही, आदेश के मुताबिक लगने वाले लाउडस्पीकर को नहीं उतारवाने की मांग की है.

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Published : Mar 14, 2023, 7:54 PM IST

लखनऊ : 23 मार्च से रमज़ान के पवित्र महीने का आगाज़ होने वाला है. रमज़ान की शुरुआत से पहले उत्तरप्रदेश अल्पसंख्यक आयोग ने मुसलमानों को लेकर चिंता व्यक्त की है. आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी ने प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इबादतगाहों के पास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बंदोबस्त करने की मांग की है.

यूपी के मुख्य सचिव को अल्पसंख्यक आयोग से भेजे गए पत्र का मजमून.

उत्तरप्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग की ओर से यूपी के मुख्य सचिव को एक पत्र भेजा गया है. पत्र में कहा गया है कि रमजान का पवित्र महीना 23 मार्च से शुरू हो रहा है. यह महीना निश्चित रूप से हर मुसलमान के लिए बेहद महत्वपूर्ण और पाक होता है. रमज़ान महीने में सभी मुसलमान इबादत करते हैं. रमज़ान के इस पवित्र माह में प्रदेश के समस्त जनपदों के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित मस्जिद परिसर के आसपास साफ-सफाई, सेहरी व इफ्तार के समय नियमित रूप से बिजली-पानी की आपूर्ति और इबादतगाहों के पास स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश जारी करें.

आयोग के अध्यक्ष ने अपने पत्र में कहा कि कई जिलों से न्यायलय द्वारा निर्धारित आवाज़ की सीमा में रहने के बावजूद मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारने की शिकायतें मिल रही हैं. ऐसे में सभी पुलिस आयुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को माननीय न्यायालय के निर्धारित आवाज़ सीमा में लगे मस्जिदों के लाउडस्पीकरों को नहीं उतारने के निर्देश दिए जाए. आयोग ने अपने पत्र में लिखा कि रमज़ान महीने की हर रात तरावीह की विशेष नमाज़ अदा की जाती है. तरावीह की नमाज़ में मस्जिदों में खूब भारी भीड़ रहती है. ऐसे में इबादतगाहों के पास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था प्रदान की जाए, जिससे प्रदेश में किसी भी तरह कि कोई अप्रिय घटना न हो.

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