लखनऊ: देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन लगाए जाने पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सवाल खड़े किए हैं. योगी सरकार के मंत्री व प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि यह जल्दबाजी में लिया गया फैसला है. दिल्ली सरकार ने एक बार फिर यूपी और बिहार के लोगों के साथ पिछले साल जैसा सुलूक किया है.
जानकारी देते सिद्धार्थ नाथ सिंह. इसे भी पढ़ें-लॉकडाउन पर यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, हाईकोर्ट के फैसले पर रोक
'आनन-फानन में लिया फैसला'
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने फिर से कोरोना के पहले चरण की तरह महामारी के दौरान यूपी और बिहार के साथ वही रवैया दिखाया है जो उन्होंने पिछले साल दिखाया था. बिना तैयारी के आनन-फानन में जब लॉकडाउन लगाते हैं, तब सरकारें अपनी विफलताओं पर पर्दा डालती हैं. ऐसे निर्णयों से व्यवस्था चरमरा जाती है. लोग परेशान होते हैं. सिद्धार्थ नाथ सिंह का कहना है कि दिल्ली में न तो अच्छे अस्पताल हैं और जो अस्पताल हैं तो उनमें बेड नहीं हैं.
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दिल्ली सरकार ने मजदूरों को फिर से बॉर्डर पर छोड़ा
सिंह ने कहा कि जब सरकार इस तरह के औचक कदम उठाती है तो अपनी विफलताओं पर पर्दा डालती है. दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन लगाया तो उसका नतीजा कल रात नोएडा और गाजियाबाद के बॉर्डर पर देखने को मिला. बसों में भरकर बॉर्डर पर छोड़ दिया गया है, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सरकारी और निजी बसें लगाकर लोगों को वहां से निकालने का कदम उठाया है. कल रात से 70 हजार से एक लाख लोगों को बसों के जरिए उनके गांव तक पहुंचाया जा रहा है.