लखनऊ : पिछले कुछ दिनों से एक बार फिर से लोग वायरस की चपेट में आ रहे हैं. इस मौसम में तेजी से संचारी रोग फैलता है. जिसे काबू में करने के लिए प्रदेश सरकार काफी जादू जहर कर रही है बावजूद इसके लोग इसके शिकार हो जाते हैं. वायरल बुखार से परेशान लोग अब इमरजेंसी में भर्ती हो रहे हैं यहां तक कि उन्हें प्लाज्मा तक की जरूरत पड़ रही है. दरअसल चार से पांच दिन में बुखार न उतरने पर मैरिज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं जहां पर पता चलता है कि मरीज का प्लेटलेट्स कम है और मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाना पड़ेगा. वायरल बुखार से पीड़ित इन दिनों अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है. जिनमें बहुत सारे मरीज ऐसे हैं जिनको बुखार उतारने का नाम ही नहीं ले रहा है. कहीं न कहीं वह किसी संचारी रोग से पीड़ित है जिस वजह से उनके प्लेटलेट्स कम हो रही है
चार से पांच मरीज रोज हो रहे भर्ती :सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अस्पताल में इन दिनों संचारी रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है. इस समय लोगों को वायरल बुखार अपनी जद में ले रहे हैं और मरीज काफी ज्यादा परेशान है. इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे. ऐसे में अस्पताल में इमरजेंसी में भी मरीज भर्ती होने आ रहे हैं क्योंकि बहुत सारे ऐसे मरीज हैं जिन्हें चार से पांच दिन में बुखार नहीं उतरा है और लगातार बुखार बरकरार है. इस स्थिति में मरीज की प्लेटलेट्स कम हो रही है.
प्लेटलेट्स चढ़ाने की पड़ रही जरूर :बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. अतुल मल्होत्रा ने बताया कि अस्पताल में रोजाना काफी ज्यादा भीड़ हो रही है. इस समय वायरस का सीजन है. ऐसे में कभी बारिश हो रही है कभी धूप निकल रही है. जिसके चलते संचारी रोग से पीड़ित मरीज काफी ज्यादा पहुंच रहे हैं. हालांकि, इस समय किसी भी मरीज की रिपोर्ट न डेंगू , चिकनगुनिया पॉजिटिव निकल रही है. इस स्थिति में कहा जा सकता है कि इस समय वायरल बुखार तेजी से फैला हुआ है, जो कि मरीज को अंदर तक कमजोर कर रहा है. अस्पताल की इमरजेंसी में भी इस समय मरीज को भारती कराया जा रहा है क्योंकि अधिक दिन तक बुखार न उतरने से मरीज कमजोर हो जाता है और कुछ मरीज ऐसे भी हैं जिनकी प्लेटलेट्स कम हो जा रही है और उन्हें प्लेटलेट्स चढ़ाने की भी स्थिति बन रही है. उन्होंने बताया कि सितंबर के शुरुआत होते ही प्लेटलेट्स की मांग अब आ रही है. ब्लड बैंक में लोग प्लेटलेट्स पता करने भी पहुंच रहे हैं. रोजाना इस समय पांच से 10 मरीज प्लेटलेट्स के लिए आ रहे हैं जिनके कोई सगे संबंधी बीमार है और उन्हें प्लेटलेट्स चढ़ाने की नौबत आ गई है.