लखनऊ: देश में टमाटर ऐसा 'लाल' हुआ है कि लोगों को महंगाई के आंसू रुला रहा है. इसके चढ़ते दामों के कारण महिलाओं की रसोई में जायका पूरा नहीं हो पा रहा है. हालांकि, हैरानी की बात ये है कि केंद्र सरकार के केंद्रीय मंत्री ने इस बात को बड़ी समस्या नहीं मानते हुए पिछले हफ़्ते कहा था कि बारिश के चलते तो दाम बढ़ते ही हैं. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तो टमाटर 200 रुपये के करीब पहुंच गया है, जिससे लोगों ने टमाटर की खरीदारी ही बंद कर दी है.
टमाटर की कीमतों ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है. क्योंकि, ज्यादातर सब्जियों में यूज होने वाला टमाटर अब लोगों के बजट से बाहर पहुंच गया है. जानकारी के मुताबिक, छोटे कस्बों और गांवों में भी टमाटर 160 से 180 रुपये किलो बिक रहा है. मंडी अध्यक्ष परवेज हुसैन बताते हैं कि जून और जुलाई में हर साल ही टमाटर के दामों में उछाल आता है. लेकिन, इस बार टमाटर कुछ ज्यादा ही महंगा बिक रहा है. इसका सीधा कारण स्थानीय फसल का मार्केट में न पहुंचना है. आने वाले दिनों में स्थानीय फसल मार्केट में पहुंच जाएगी. इसके बाद टमाटर के दाम घट जाएंगे, यानी टमाटर अपने मूल रेट पर पहुंच जाएगा. बता दें कि लगभग 2 हफ्ते पहले टमाटर 50 रुपये किलो मार्केट में उपलब्ध था. लेकिन, अचानक से टमाटर के दाम आसमान छूने लगे.
मौसम का प्रभाव
एक्सपर्ट के मुताबिक, टमाटर की कीमत में वृद्धि प्रति वर्ष होती है. हर देश में प्रत्येक कृषि वस्तु मूल्य चक्र में एक मौसमी स्थिति से गुजरती है. जून में इसकी कीमतें उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं. क्योंकि, टमाटर एक जल्दी खराब होने वाली सब्जी है. मौसम व अन्य कारणों के चलते टमाटर की आवक घटी है. इसका असर सीधा उसकी कीमतों पर पड़ा है. क्योंकि, मंडियों में टमाटर लगभग गायब हो गया है. इसके चलते दामों में उछाल देखने को मिल रहा है. जैसे ही मौसम ठीक होगा, मंडियों में टमाटर पहुंचना शुरू हो जाएगा.