लखनऊ : पूर्वांचल में कभी हर सरकार के दौरान अपनी दहशत कायम रखने वाला माफिया मुख्तार अंसारी हो या फिर अपनी धमक और रसूख के चलते किसी भी मजबूर को सताने वाला बाहुबली विजय मिश्रा. पश्चिमी यूपी का रहने वाला किसी की भी सुपारी लेने वाला सुनील राठी और उधम सिंह हो या फिर पुलिस को चकमा देकर वर्षों से फरार बदन सिंह बद्दो. वर्ष 2018 से अब तक योगी सरकार ने यूपी के उन सभी टॉप 68 माफिया और अपराधियों की कमर तोड़ दी है. जिन्होंने कभी राज्य में जमकर रंगबाजी की थी. ईटीवी भारत ने बीते छह वर्षों में 68 माफिया की काली कमाई पर योगी के बुल्डोजर की कार्रवाई, पुलिस मुठभेड़ में मार गिराने के आंकड़े निकाले हैं. आप भी देखें विस्तृत खबर.
मुख्तार, अतीक, विजय मिश्र जैसे माफिया को कर दिया गया जमीदोज :जिस मुख्तार अंसारी के खिलाफ कभी यूपी पुलिस सिर्फ मुकदमे दर्ज करने तक ही सीमित रहती थी. उसी पुलिस ने बीते छह वर्षों में उसे सात मुकदमों में सजा दिलवा दी. मुख्तार के गैंग के पांच सदस्य पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो चुके हैं और 186 को सलाखों के पीछे धकेल दिया गया है. पुलिस ने 604 करोड़ की संपत्ति पर बुलडोजर चला दिया है. यही हाल ब्लाॅक प्रमुख से लेकर लोक सभा का चुनाव लड़ने वाले और चार बार विधायक बने विजय मिश्रा का हुआ. योगी सरकार में विजय मिश्र यूपी पुलिस के निशाने पर आया और एक के बाद एक 86 एफआईआर दर्ज होने के बाद उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई. यूपी पुलिस ने आगरा जेल में बंद विजय मिश्र को तीन मामलों में सजा दिलवाई और करीब 64 करोड़ की संपत्ति जब्त की.
अतीक को कुनबे समेत किया नेस्तनाबूद :करीब तीन दशक तक प्रयागराज, वाराणसी समेत पूर्वांचल के कई जिलों में आतंक का पर्याय बने और विधायक-सांसद रहे अतीक अहमद और उसके कुनबे को भी योगी सरकार ने इन्हीं छह वर्षों में जमीदोज कर दिया. अतीक के बेटे व गुर्गों का एनकाउंटर किया गया, सौ से अधिक सहयोगियों को जेल भेजा गया और 752 करोड़ की संपत्ति पर बुलडोजर चलाया जा चुका है. यह जानकारी यूपी पुलिस की टॉप माफिया लिस्ट से महज तीन लोगों की है, जबकि योगी सरकार ने बीते छह वर्षों में 65 और माफिया व उनके गैंग के खिलाफ कार्रवाई की है. जिससे यह दिखता है कि वर्ष 2017 में जिस वादे के साथ उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार बनी और मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेने के बाद योगी आदित्यनाथ ने जनता को जो भरोसा दिलाया वह कितना जमीन पर उतरा.