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कलाकारों की कृतियों को बिकवाने का प्रबंध करेगी उ.प्र. ललित कला अकादमी

उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी ने चित्रकारों और मूर्तिकारों को आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए पहल की है. अकादमी कलाकारों की कृतियों को बिकवाने का प्रबंध करेगी. यह योजना अगस्त महीने के पहले सप्ताह से शुरू होगी.

उ.प्र. राज्य ललित कला अकादमी
उ.प्र. राज्य ललित कला अकादमी

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Published : Jul 15, 2021, 11:03 PM IST

लखनऊ: चित्रकारों और मूर्तिकारों को आर्थिक सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से उ.प्र. राज्य ललित कला अकादमी उनकी कृतियों को बिकवाने का प्रबन्ध करेगी. इसके लिए अकादमी कलाकारों की कृतियों को अपनी गैलरी में डिस्प्ले करेगी. केवल इतना ही नहीं, कलाकारों की कृतियों को अपनी वेबसाइट पर भी प्रचारित करेगी. विभिन्न कार्यालयों में भी सम्पर्क कर कृति को उचित मूल्य पर बिकवाने का प्रयास किया जाएगा. यह योजना अगस्त माह के पहले सप्ताह से शुरू होगी.



यह जानकारी अकादमी के सचिव डाॅ. यशवंत सिंह राठौर ने दी. उन्होंने बताया कि कोरोना ने तो कलाकारों की कमर ही तोड़ दी है. जिनके पास सरकारी नौकरी नहीं है उनकी हालत तो बहुत ही खराब हो चुकी है. इसी बात को ध्यान में रखकर अकादमी ने यह योजना बनाई है कि कलाकारों की कृतियों को अकादमी की गैलरी में डिस्प्ले किया जाए. अकादमी अपनी वेबसाइट पर भी कृतियों के छाया चित्र प्रदर्शित करेगा. उन्होंने बताया कि इसके अलावा भी दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफार्म का भी इस कार्य के लिए उपयोग किया जाएगा. डॉ. यशवंत सिंह राठौर ने बताया कि यह योजना अगस्त माह के पहले सप्ताह से शुरू होने की संभावना है. इसके लिए अकादमी की गैलरी को व्यवस्थित कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि गैलरी में एक कलाकार की कृतियां 15 दिन रखी जाएगी. उसके बाद दूसरे कलाकार को मौका दिया जाएगा. इस बीच कृतियां अगर बिक जाती हैं तो ठीक है, नहीं तो उसके छाया चित्र को कीमत के साथ वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि कृति के बिकने तक प्रयास करते रहेंगे.


कृति के बिकने पर कलाकार को कीमत का 75 प्रतिशत दिया जाएगा और 25 प्रतिशत अकादमी खुद अपने पास रखेगी. उन्होंने बताया कि कृतियों को बिकवाने के लिए अकादमी विभिन्न सरकारी कार्यालयों में भी सम्पर्क करेगी. अकादमी सचिव ने एक बात और कही कि यहां बहुत महंगी कृतियों को नहीं रखा जाएगा. उन्होंने बताया कि 15- 20 हजार रुपये तक की कृतियों को ही योजना में शामिल किया जाएगा, जिससे कि आसानी से उनके खरीददार मिल जाएं. बहुत महंगी कृतियों का बिकना मुश्किल हो सकता है.

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