लखनऊ:राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के नए आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि साल 2020 के दौरान भी जेल में क्षमता से अधिक कैदी थे. इस दौरान कैदियों की संख्या में 11.7 फीसदी का इजाफा हुआ. 2020 में पूरे देश में सबसे ज्यादा कैदी यूपी की जेल में रहे. यहां क्षमता के हिसाब से करीब 177 फीसदी यानी करीब दोगुने कैदी हैं. इसी के चलते कैदियों में झगड़े के मामले बढ़ रहे हैं.
रिपोर्ट में 2020 के आंकड़ों को शामिल किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2020 के अंत में देश भर की 1,306 जेलों में 4.88 लाख कैदी थे. इस तरह सभी जेलों की कुल क्षमता से करीब 74000 अधिक कैदी है. वहीं 2015 से 2020 तक जेलों की संख्या में भी 6.8 फीसदी कमी आई है.
जेल में कैदियों के रहने की क्षमता की तुलना में कैदियों की संख्या बढ़ने की वजह से जेल में रिहाईश दर 2020 में 118 फीसदी हो गई. एनसीआरबी के मुताबिक 2020 के आखिर तक अलग-अलग जेलों में 4.88 लाख कैदी थे इनमें 468395 पुरुष और 20046 महिलाएं थीं.
रिपोर्ट के मुताबिक जेल में सबसे ज्यादा भीड़-भाड़ उत्तरप्रदेश में है जबकि सभी राज्यों की तुलना में यहां सबसे ज्यादा जेल की क्षमता है. उत्तर प्रदेश की जेलों में सबसे ज्यादा कैदी भी हैं. उत्तर प्रदेश में कुल 73 जेल हैं, जिनमें 60685 कैदी रह सकते हैं. 2020 के अंत में यहां 107,395 कैदी थे यानी की 177 फीसदी. यह लगभग दोगुने कहे जाएंगे.
यही नही साल 2020 में यूपी में सबसे ज्यादा 3,19,402 कैदी जेलों में कैद हुए हैं जिसमें 7721 महिला कैदी थी और 3,11,656 पुरुष कैदी थे.
यूपी के बाद सबसे ज्यादा सिक्किम की जेलों में भीड़ है. वहीं, दूसरी तरफ जेलों में सजायाफ्ता कैदियों की तुलना में विचाराधीन कैदियों की संख्या बहुत अधिक है.