उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

गांवों के विकास के लिए आईएएस अफसर ने बनाया 'मॉडल गांव', जानिए क्या है खास

देश के गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, उन्हें सशक्त करने के लिए आईएएस अधिकारी हीरालाल (IAS officer Hira Lal) ने गांव के विकास (development of village) को लेकर एक बड़ी मुहिम शुरू की है. इस मुहिम के तहत 25 बिंदुओं के आधार पर गांव की तस्वीर को बदलने का कार्य किया जा रहा है.

गांवों के विकास के लिए आईएएस अफसर ने बनाया 'मॉडल गांव'
गांवों के विकास के लिए आईएएस अफसर ने बनाया 'मॉडल गांव'

By

Published : Jun 23, 2021, 2:25 PM IST

लखनऊ:भारतीय प्रशासनिक सेवा 2010 बैच के यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी हीरालाल (IAS officer Hira Lal) ने गांव के विकास को लेकर एक बड़ी मुहिम शुरू की है. इस मुहिम का नाम है 'मॉडल गांव' (model village). इसके अंतर्गत उन्होंने विलेज मेनिफेस्टो (Village Manifesto) को बनाया है और उसमें 25 बिंदुओं को समाहित करते हुए गांव के विकास में गांव वालों की भागीदारी सुनिश्चित कराया जा रहा है. जिलाधिकारी बांदा रहते हुए उन्होंने यह मुहिम शुरू कराई. करीब 2 दर्जन गांव में इस मॉडल को गांव को लागू कराया गया है. इसके अच्छे परिणाम मिल रहे हैं. तमाम गांव इस मुहिम से जुड़ भी रहे हैं.

वर्तमान समय में आईएएस अधिकारी हीरालाल नेशनल हेल्थ मिशन (National Health Mission) में अपर निदेशक के पद पर तैनात हैं. प्रशासनिक दायित्वों के साथ-साथ वह इस गांव के विकास की मुहिम को भी आगे बढ़ा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में इस काम को आगे बढ़ाया गया है और धीरे-धीरे लोग काफी संख्या में इस मॉडल गांव प्रोजेक्ट से जुड़ रहे हैं. इसके अलावा देश के 9 राज्यों में भी लोग इस मुहिम से जुड़े हैं और गांव के विकास को लेकर काम धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे है.

गांवों के विकास के लिए आईएएस अफसर ने बनाया 'मॉडल गांव'

नीति आयोग ने इस मुहिम की तारीफ की है. नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने इस मुहिम को सराहा है. ईटीवी भारत ने आईएएस अधिकारी हीरालाल से खास बातचीत की. उन्होंने गांव के विकास और अपनी इस मुहिम की कहानी को बताते हुए कहा, मॉडल गांव की हमने मुहिम बांदा से शुरू की थी और करीब 2 दर्जन गांव में इस प्रयोग को किया था और वहां पर विकास की रफ्तार धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है. गांव के लोग जागरूक हो रहे हैं.

उन्होंने बताया मॉडल गांव का कांसेप्ट गांव की सरकार यानी गांव की गवर्नमेंट और गवर्नेंस पर आधारित है. जब तक गांव की गवर्नमेंट अच्छा काम नहीं करेगी, तब तक हमारा जो विकसित देश बनने का सपना है, वह मुझे नहीं लगता है कि पूरा होगा. 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है और यह जो मॉडल गांव का कंसेप्ट गांव की गवर्नेंस को कैसे अच्छा किया जाए, कैसे लोगों को जागरूक किया जाए और तमाम योजनाओं को धरातल तक कैसे लागू किया जाए इस पर कार्य किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि हमने जो मॉडल गांव की मुहिम शुरू की है, उसके अंतर्गत एक विलेज मेनिफेस्टो बनाया है और उसमें 25 बिंदुओं को समाहित किया गया है. इन बिंदुओं के आधार पर ही लोगों को अभियान से जोड़ा जा रहा है. बिंदुओं के अनुसार उन्हें जागरूक करते हुए गांव के विकास के लिए प्रयास किया जा रहा है. किसानी को बढ़ावा देने के भी गांव में ही खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी संचालित किए जाने का काम हो रहा है, जिससे किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम मिल सके. गांव के लोग बाहर पलायन करते हैं, उस पर भी इससे रोक लगाई जा सकेगी.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा हम लोग किसानों को जागरूक करने उन्हें प्रशिक्षित करने को लेकर एग्री टूरिज्म अभियान भी चला रहे हैं. गांव के लोगों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में भी काम हो रहा है. हमारा मानना है कि जब गांव के लोग पावरफुल होंगे उन्हें ज्ञान होगा तो गांव का विकास स्वाभाविक रूप से तेजी से होगा. उन्होंने कहा कि हमारे इस अभियान से उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों के लोग जुड़े हुए हैं. यह पूरा अभियान ऑनलाइन कांसेप्ट पर आधारित है.

देश के 9 राज्यों जिनमें बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली और छत्तीसगढ़ के लोग जुड़े हुए हैं. हम सबको अपने इस कार्य से अवगत करा रहे हैं. हमारा पूरा अभियान भारत में फैला हुआ है. लोग धीरे-धीरे करके से जुड़ रहे हैं और इस कांसेप्ट को आत्मसात कर रहे हैं. हमारा मानना है कि गांव को गांव रहने दिया जाए और शहर को शहर, गांव के स्तर पर जो विकास की परिकल्पना है, उसको उसी अनुरूप में आगे बढ़ाना है और यह काम हम अपने मॉडल गांव के माध्यम से कर रहे हैं.

आपको बता दें, मॉडल गांव के विलेज मेनिफेस्टो में शामिल यह बिंदु आईएएस अधिकारी हीरालाल की शुरू की गई मॉडल गांव मुहिम के मेनिफेस्टो के आधार पर बनाया गया है. इसमें 25 बिंदुओं को शामिल किया गया है. इसी आधार पर गांव का विकास और गांव की गवर्नेंस काम करती है.

ये हैं 25 बिंदुओं के नाम

  • साफ-सफाई स्वच्छ वातावरण
  • पढ़ाई जिससे कोई अनपढ़ ना रहे.
  • दवाई, कमाई यानी आय में वृद्धि
  • बिजली यानी सोलर वाला गांव
  • पीने का पानी
  • सिंचाई का पानी
  • वर्षा जल संरक्षण का काम
  • रोजगार यानी सभी हाथ को काम
  • संवाद तंत्र आधुनिक इंटरनेट की व्यवस्था लागू करना
  • विपणन यानी बेचने की सुविधा
  • जैविक उत्पाद तैयार करना
  • गांव को आत्मनिर्भर गांव बनाना
  • विवाद रहित गांव बनाना, जिससे खुशहाली ही खुशहाली नजर आए
  • गांव के छोटे-मोटे विवाद आपसी बातचीत से सुलझाना
  • गांव का नियम यानी लेखा-जोखा रखरखाव
  • गांव का बायोडाटा तैयार करना
  • सूचना एवं जनसंचार तकनीक का भरपूर उपयोग
  • किसान उत्पादक संगठन
  • प्रवासी ग्रामवासी संपर्क सहायता
  • कुपोषण को दूर करना
  • वृक्षारोपण यानी हर मेड़ पर पेड़
  • खेल कला संस्कृति को विकास से जोड़ना
  • महिला विकास प्रतिभा चयन एवं विकास
  • ग्राम समस्या और समाधान
  • देश एवं प्रदेश सरकार के कार्यक्रमों को गांव में लागू करना
  • और गांव का स्थापना दिवस मनाना शामिल है.

इसे भी पढ़ें:खतरे में गोमती का अस्तित्व, क्या 20-25 साल में विलुप्त हो जाएगी ये नदी ?

ABOUT THE AUTHOR

...view details