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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने एक बच्चे को लिया था गोद, पढ़िए आज वह क्या कर रहा... - anandiben patel ne bachha god lia

राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने अपना संस्मरण सुनाया. आनंदीबेन पटेल ने जलपान गृह पर 5 साल के एक बच्चे को काम करते देखा था. उन्होंने बच्चे को गोद ले लिया. यहां पढ़िए आज वो बच्चा क्या कर रहा है.

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

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Published : Jul 22, 2021, 10:20 PM IST

लखनऊ : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने अनाथ बच्चों के लिए देश में सबसे पहले 'मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' (Mukhyamantri Bal Seva Yojana) उत्तर प्रदेश में लागू करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को धन्यवाद दिया. साथ ही कहा कि सरकार का यह प्रयास बच्चों की उंगली पकड़ने जैसा है. राज्यपाल ने अनाथ बच्चों के सपनों को साकार करने के लिए व्यापक जनसहभागिता का भी आह्वान किया.

अपने प्रयासों की चर्चा करते हुए आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) ने बताया कि एक बार वह अपनी बेटी और दामाद के साथ द्वारिकाधीश मंदिर दर्शन करने गईं थी. वहां रास्ते में एक जलपान गृह पर पांच साल का एक बच्चा काम करता हुआ दिखाई दिया. लोगों से पूछा तो पता चला कि चंद रोज पहले उस बच्चे को कोई छोड़ गया था. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और उनकी बेटी ने उस बच्चे को गोद ले लिया. परिवार के सदस्य के रूप में पाला और आज वह बच्चा गुजरात राज्य के शीर्ष 10 फुटबॉल खिलाड़ियों में से एक है.

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 'मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' के शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान अपना अनुभव बताया. उन्होंने हर काम के लिए सरकार को जिम्मेदारी देने की प्रवृत्ति से अलग सामाजिक कार्यों में जनसहभागिता की जरूरत बतायी. आनंदीबेन पटेल ने समर्थ लोगों से बच्चों को गोद लेने, परिवार की तरह स्नेह देने और उनके शिक्षा-दीक्षा के प्रबंध करने की जरूरत बतायी. उन्होंने गुजरात में पटेल समाज में व्याप्त दहेज कुप्रथा के बारे में बताते हुए जनसहभागिता से आयोजित सामूहिक विवाह के प्रयासों से बदली तस्वीर की कहानी भी सुनायी. राज्यपाल ने सीएम योगी द्वारा संचालित सामूहिक विवाह योजना की प्रशंसा करते हुए इन कार्यक्रमों में समाज के अलग-अलग वर्गों को सहयोग देने की भी अपील की.

इस दौरान आनंदीबेन ने कहा कि कोविड विभीषिका के बीच निराश्रित हुए बच्चों को बेहतर शिक्षा-दीक्षा के लिए विश्वविद्यालयों में व्यवस्था की जा रही है. यहां न केवल इनकी निःशुल्क शिक्षा-दीक्षा होगी, बल्कि परिवार के सदस्य के रूप में स्नेह और कैरियर मार्गदर्शन भी मिलेगा.

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