लखनऊः राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भारतीय विश्वविद्यालय संघ एवं श्री श्री विश्वविद्यालय कटक, उड़ीसा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित मध्य जोन कुलपति सम्मेलन का सोमवार को राजभवन लखनऊ से ऑनलाइन उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सबसे बड़ी विशेषता 2030 तक 100 प्रतिशत युवा और प्रौढ़ साक्षरता की प्राप्ति करना है. पूरे देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमलीकरण को लेकर व्यापक विचार-विमर्श हो रहा है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी के भारत के सामाजिक और आर्थिक जीवन को नई दिशा देने वाली है.
विश्वविद्यालय गुणवत्ता रैंकिंग में सुधार करें
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की संकल्पना है कि देश के विश्वविद्यालय गुणवत्ता रैंकिंग में सुधार करते हुए 100 तक की रैंक प्राप्त करने के लिए हर सम्भव प्रयास करें. इस दिशा में विदेशी विश्वविद्यालयों से समझौता महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. कहा कि भारतीय विश्वविद्यालयों का संघ देश में उच्च शिक्षा के प्रमुख संस्थानों में से एक है, जिसे 1925 में देश की उच्च शिक्षा प्रणाली को आकार देने के लिए स्थापित किया गया था. उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि इस संगठन से डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डाॅ. जाकिर हुसैन, डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे शिक्षाविद्, दार्शनिक एवं विचारकों ने इस संगठन के अध्यक्ष रहते हुए न केवल इसे सींचा तथा पल्लवित किया, बल्कि अपनी विद्वता से उच्च शिक्षा को उसके उच्चतर स्तर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारत की परम्परा, विरासत, सांस्कृतिक मूल्यों एवं तकनीकी ज्ञान तथा कौशल विकास में समन्वय स्थापित करने का सफल प्रयास किया गया है.