लखनऊ:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दफ्तर का ट्विटर हैंडल (@CMOfficeUP) बीते दिन 8 अप्रैल की देर रात हैक हो गया था. वहीं हैकर्स ने खुली चुनौती देते हुए 48 घण्टे बाद आज यूपी सरकार का ट्विटर एकाउंट @UPGovt और यूपी सूचना विभाग का ट्विटर एकाउंट @InfoUPFactCheck भी हैकर्स ने हैक कर लिया है. सीएम ऑफिस का ट्विटर एकाउंट हैक होने के बाद मुकदमा दर्ज कर साइबर पुलिस को इस मामले की जांच सौंपी दी गयी थी. मामले की जांच कर रहे साइबर एसपी त्रिवेणी सिंह ने बताया है कि 8 अप्रैल को सीएम कार्यालय का ट्विटर एकाउंट हैक होने के बाद एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गयी थी. जांच अभी चल रही है.
साइबर टीम भले ही जांच का अलाप रट रही हो, लेकिन अब सवाल उठता है कि यूपी में भारी भरकम साइबर टीम ने सीएम ऑफिस के ट्विटर हैक होने के बाद अन्य सरकारी ट्विटर हैंडल को क्यों नहीं सुरक्षित कर सके थे? यहीं नहीं एकाउंट चलाने वाले ऑपरेटर्स को हैक होने से बचने के लिए कोई निर्देश क्यों नहीं दिए गए थे? साइबर एक्सपर्ट इसके पीछे उस एजेंसी का भी फेलियर बता रहे है जो इन एकाउंट को संचालित करती है. एक्सपर्ट का मानना है कि जो भी एजेंसी या फिर एकाउंट चलाने वाला व्यक्ति है, अगर वो साइबर एक्सपर्ट होता है, तो कभी भी एकाउंट को हैक नहीं किया जा सकता है. ये सभी एकाउंट लॉगिन करते वक्त कुछ गलतियां कर देते है, जिसके कारण हैकर्स को हैक करने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है.