लखनऊ:कोरोना महामारी के चलते यूपी सरकार ने खर्चों में कटौती का फैसला लिया है. यूपी में जरूरत ना होने पर कोई भी नई योजना शुरू नहीं की जाएगी. विभागों को नए वाहनों की खरीद, किसी भी विभाग में नई भर्ती किए जाने समेत अन्य सभी उन निर्णयों पर जिनसे सरकार के कोष पर अतिरिक्त खर्च का बोझ बढ़ेगा, विराम लगाए जाने के निर्देश जारी किए हैं.
योगी सरकार का बड़ा फैसला
इतना ही नहीं अफसरों की एक्जीक्यूटिव, बिजनेस क्लास में यात्रा पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगी. सरकार ने यह बड़ा और अहम निर्णय वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए लिया है. अपर मुख्य सचिव संजीव मित्तल की तरफ से जारी शासनादेश सभी विभागाध्यक्षों को भेज दिया गया है.
वित्त विभाग की तरफ से जारी शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि वर्तमान परिस्थितियों में प्रदेश में राजस्व की प्राप्ति अपेक्षा से बहुत कम हो रही है. राज्य सरकार की ओर से अनेक राज्य पोषित योजनाएं चलाई जा रही हैं. वर्तमान विशेष परिस्थितियों के दृष्टिगत यह आवश्यक है कि सभी विभागों की ओर से ऐसी योजनाओं की समीक्षा कर ली जाए तथा उन्हीं योजनाओं को इस वित्तीय वर्ष में क्रियान्वित किया जाए जो बहुत ही आवश्यक हैं. ऐसी योजनाएं जो आवश्यक ना हों उन्हें वर्तमान वित्तीय वर्ष में स्थगित किए जाने पर विचार किया जाए.
अत्यंत आवश्यक नए कार्य ही शुरु होंगे
लखनऊ: यूपी सरकार का बड़ा फैसला, खर्चों में होगी कटौती
उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी के मद्देनजर एक अहम फैसला लिया है. इस फैसले में सरकार ने सरकारी कामकाज में अतिरिक्त खर्चों में कटौती करने का फैसला लिया है. नई भर्ती से लेकर शासकीय खर्चे में कटौती करने को कहा है जिससे सरकार के कोष में अतिरिक्त खर्च का बोझ न बढ़े.
योगी सरकार ने अपने फैसले में कहा है कि राज्य में अनेक ऐसे निर्माण कार्य किए जा रहे हैं जिन्हें पूर्ण किए जाने के लिए धनराशि की आवश्यकता है. बजट में उपलब्ध धनराशि का उपयोग ऐसे निर्माण कार्य में ही किया जाए जो प्रारंभ किए जा चुके हैं. केवल उन्हीं नए निर्माण कार्यों को प्रारंभ किया जाए जो अपरिहार्य एवं अत्यंत आवश्यक हैं.
विभागों की ओर से अभी नए पदों का सृजन नहीं
विभागीय कार्य प्रणाली में परिवर्तन, सूचना प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग आदि कारणों से अनेक पद वर्तमान परिवेश में अप्रासंगिक हो गए हैं. जिन्हें विभागों की तरफ से चिन्हित कर समाप्त करने की कार्रवाई की जाए. समाप्त किए जाने वाले पदों पर यदि कोई कर्मचारी कार्यरत है तो उसे विभाग में रिक्त पदों पर समायोजित किया जाए. वर्तमान वित्तीय वर्ष में विभागों की ओर से नए पदों का सृजन नहीं किया जाएगा.
विभिन्न विभागों में सलाहकार, अध्यक्ष, सदस्य अस्थाई प्रकृति के पदों की नियुक्तियां की जाती हैं. इन पदों के लिए सहयोगी स्टाफ की व्यवस्था हेतु कोई नया पद न सृजित किया जाए. सहयोगी स्टाफ की व्यवस्था सरप्लस स्टाफ में अथवा आउटसोर्सिंग में की जाए.
विभागों को व्यय में 25% की कमी किए जाने को कहा
प्रदेश के वर्ष 2020-21 के बजट के विभिन्न मदों में जैसे कार्यालय व्यय, यात्रा व्यय, स्थानांतरण यात्रा व्यय, अवकाश यात्रा सुविधा, कंप्यूटर अनुरक्षण, स्टेशनरी का क्रय मुद्रण एवं प्रकाशन विज्ञापन एवं प्रसार तथा वर्दी व्यय में विभागों को पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई गई है. वर्तमान विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखकर उक्त मदों में बजट में उपलब्ध धनराशि के सापेक्ष विभागों को व्यय में 25% की कमी किए जाने को कहा गया है. इन सभी मदों में किसी भी दशा में पुनर्विनियोग में धनराशि उपलब्ध नहीं कराई जाएगी.
विभागों की ओर से नए वाहनों का क्रय नहीं किया जाएगा. पूर्व में विद्यमान जो वाहन निष्प्रयोज्य हो रहे हैं, उनके स्थान पर न्यूनतम आवश्यकता का आकलन करके आउटसोर्सिंग के माध्यम से वाहन अनुबंधित किया जाएगा. इसके अतिरिक्त सरकारी वाहनों के अनुरक्षण एवं ईंधन पर होने वाले खर्च पर विशेष ध्यान दिया जाए. सभी स्तर पर यह सुनिश्चित किया जाए कि वाहनों एवं ईंधन का दुरुपयोग ना हो. इस मद में बजट आवंटन के सापेक्ष व्यय में कमी लाई जाए.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित हो बैठकें
शासकीय कार्यों के लिए की जाने वाली यात्राओं को आवश्यक एवं अपरिहार्य कार्यों की पूर्ति के लिए न्यूनतम रखा जाए. वहां जाने के बजाए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठकें आयोजित की जाएं. जो अधिकारी हवाई यात्रा के लिए अधिकृत हैं. वह इकोनॉमी क्लास में ही यात्रा करेंगे. वर्तमान वित्तीय वर्ष में एक्जीक्यूटिव, बिजनेस क्लास में यात्रा पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगी. सम्मेलन, सेमिनार, कार्यशालाओं के आयोजन के लिए शासकीय भवनों परिसर का ही उपयोग किया जाएगा. वर्तमान वित्तीय वर्ष में किसी भी दशा में ऐसे आयोजन होटल या अन्य खर्चीले स्थानों पर नहीं किए जाएंगे.