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पशुधन घोटाला मामले में यूपी सरकार की बड़ी कार्रवाई

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Published : Aug 24, 2020, 11:50 AM IST

Updated : Aug 24, 2020, 1:07 PM IST

etv bharat
2 IPS अधिकारियों को निलंबित किया.

11:46 August 24

योगी सरकार ने 2 IPS अधिकारियों को निलंबित किया

लखनऊ:पशुधन घोटाले को लेकर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 2 आईपीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. योगी सरकार ने पशुधन घोटाले में नाम सामने आने के बाद डीआईजी रूल्स और मैनुअल दिनेश दुबे और डीआईजी पीएसी अरविंद सिंह को निलंबित कर दिया है.

मिली जानकारी के अनुसार घोटाले को लेकर गिरफ्तार किए गए शातिर अपराधियों की अधिकारियों से 144 बार बातचीत की जानकारी मिली है, जिसमें पैसे के लेन-देन की बात हुई है. इस संदर्भ में सबूत मिलने के बाद योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 2 आईपीएस अधिकारियों का निलंबित कर दिया है. शासन की यह बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है.

आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई
पशुधन विभाग में हुए घोटाले को लेकर एसटीएफ ने 2 आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन से स्वीकृति ली थी. एसटीएफ की जांच में फर्जीवाड़े में आईपीएस अरविंद सेन व दिनेश दुबे की संलिप्तता पाई गई है. इनके खिलाफ सबूत मिलने के बाद बीते दिनों एसटीएफ ने यह स्वीकृति ली थी. वहीं दूसरी ओर आईपीएस डीसी दुबे के खिलाफ आरोपियों को ठेका दिलाने के नाम पर हुए फर्जीवाड़े में संलिप्तता पाई गई है.  

पशुधन विभाग में उजागर हुए घोटाले के बाद एसटीएफ ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में यह बात निकलकर सामने आई थी कि कई आईपीएस अधिकारी भी इन आरोपियों के संपर्क में हैं. पिछले लंबे समय से एसटीएफ इन अधिकारियों के संदर्भ में सबूत जुटा रही थी. सबूत मिलने के बाद एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए शासन को पत्र लिखा था.

एसटीएफ अभी एक और पुलिस अधिकारी के खिलाफ सबूत जुटा रही है. पीड़ित ने अपने बयान में एक पुलिस अधिकारी का नाम लिया है, जिसने आरोपियों के कहने पर पीड़ित मनजीत को धमकाने का काम किया था. एसटीएफ उस अधिकारी के खिलाफ भी सबूत जुटा रही है.

हजरतगंज थाने में दर्ज की गई एफआईआर
पशुधन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर जालसाजों ने इंदौर के व्यापारी मनजीत सिंह से 9 करोड़ रुपये की ठगी कर डाली. ठगी को अंजाम देने वाले जालसाज आशीष राय ने व्यापारी से खुद को विभाग का निदेशक एके मित्तल बताकर ठगी को अंजाम दिया. एके मित्तल बनकर आशीष राय ने व्यापारी मनजीत सिंह से 9 करोड़ रुपये लिए, जिसके बदले में ठेका दिलाने का वादा किया गया था. लेकिन जालसाजी करते हुए 9 करोड़ रुपये हजम कर लिए गए. इसके बाद व्यापारी मनजीत सिंह की तहरीर पर हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई.  

व्यापारी मनजीत सिंह का कहना है कि इस ठगी की घटना को अंजाम देने के लिए तथाकथित पत्रकार संतोष मिश्रा, राजीव, अनिल राय ने साजिश रची थी. संतोष मिश्रा ने ही आशीष को एसके मित्तल बनकर व्यापारी मनजीत सिंह के सामने पेश किया था. व्यापारी मनजीत सिंह ने बताया कि यह साजिश 2018 में रची गई थी. ठेका दिलाने के नाम पर 9 करोड़ रुपये लिए गए.

लंबे समय से पीड़ित को पैसे वापस करने की बात कही जा रही है, लेकिन उसे पैसे वापस नहीं किए जा रहे हैं, जिसके बाद पीड़ित मनजीत सिंह ने 11 लोगों के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी.

Last Updated : Aug 24, 2020, 1:07 PM IST

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