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यूपी में 2.19 लाख किसानों से सरकार ने इतना खरीदा गेहूं

इस वर्ष उत्तर प्रदेश में एक माह में 11.31 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई. साथ ही दो लाख से अधिक किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाया है. यह जानकारी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के आयुक्त मनीष चौहान ने दी है.

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Published : Apr 30, 2021, 9:01 PM IST

सीएम योगी.
सीएम योगी.

लखनऊः प्रदेश सरकार ने 29 अप्रैल को एक दिन में 92530 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की, जबकि पिछले सीजन में अधिकतम दैनिक खरीद 72 हजार मीट्रिक टन थी. कोविड महामारी के बावजूद इस वर्ष खरीद शुरू होने के महज एक माह के भीतर ही इतने अधिक पैमाने पर गेहूं की खरीद की गई.

1433 करोड़ रुपये का हो चुका भुगतान

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के आयुक्त मनीष चौहान ने जानकारी देते हुए कहा कि फसलों की खरीद में पहले के मुकाबले, काफी तेजी से किसानों से अब तक कुल 2234 करोड़ रुपये की खरीद की जा चुकी है. 1433 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है.

मनीष चौहान के अनुसार विभिन्न एजेंसियों द्वारा अब तक 1,975 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर यह खरीद की गई. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पारदर्शिता के साथ फसलों की खरीद का सीधा भुगतान किसानों के बैंक खातों में किया गया.

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दो लाख से अधिक किसान लाभान्वित

अब तक राज्य के विभिन्न जिलों के दो लाख 19 हजार 214 किसान लाभान्वित हुए हैं. कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच, मास्क के प्रयोग, शारीरिक दूरी, हाथ की स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और अन्य सावधानियों का ध्यान रखा जाता है. रबी फसल खरीदी वर्ष में न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत गत एक अप्रैल से किसानों से सीधे खरीद शुरू हुई. सरकार ने गेहूं का एमएसपी 1925 रुपये से बढ़ाकर 2021-22 में 1975 रुपये कर दिया है.

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सात एजंसियों के छह हजार केंद्रों पर खरीद

मनीष चौहान ने बताया कि भारी मात्रा में गेहूं खरीदा जा रहा है और खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है. किसानों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए योगी सरकार ने खाद्य और आपूर्ति विभाग, पीसीएफ, यूपीएसएस, यूपीपीसीयू, एसएफसी, मंडी परिषद और भारतीय खाद्य निगम सहित सात क्रय एजेंसियों को नामित किया है. इसके अलावा, इस साल क्रय केंद्रों की संख्या पांच हजार से बढ़ाकर छह हजार कर दी गई है. इस वर्ष एक हजार केन्द्रों को बढ़ाया गया है, ताकि किसी भी किसान को कोई समस्या न हो.

कोविड प्रोटोकॉल का हो रहा पालन

किसानों को कोरोना के संक्रामण से बचाने के लिए, हर केंद्र पर कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है. क्रय केन्द्रों पर बिना मास्क के किसी के भी आने जाने पर प्रतिबंध है. इस डेस्क के माध्यम से बिना मास्क के क्रय केन्द्रों पर आने वाले किसानों को मास्क वितरित किया जा रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा रहा है. क्रय केंद्र पर कोरोनो के प्रसार पर नजर रखने के लिए हैंडवाश, पानी, सैनिटाइजर, थर्मामीटर और ऑक्सीमीटर की सुविधा भी प्रदान की गई है.

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