लखनऊ : योगी सरकार ने प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी योजना तैयार की है. एपीसी शाखा के अंतर्गत के अंतर्गत जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए पूरी योजना बनाई गई है और उसके माध्यम से जैविक खेती करने के लिए गंगा नदी के किनारे दोनों तरफ की जमीन पर खेती करने में कई तरह के अभिनव प्रयोग किए जाएंगे. साथ ही जैविक तकनीकी का उपयोग किया जाएगा. किसानों को जैविक खाद तैयार करने व उन्हें खेती करने के लिए प्रशिक्षण आदि दिए जाने की पूरी योजना बनाई गई है.
शासन के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद कृषि उत्पादन आयुक्त शाखा के स्तर पर जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिए जाने की योजना बनाई गई है. इस योजना के लिए 3,00000 हेक्टेयर क्षेत्रफल चिन्हित किया गया है. जिसमें किसानों को जैविक खेती के साथ-साथ प्राकृतिक खेती कराने में सहयोग किया जाएगा. खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश के 27 जिले जहां से गंगा गुजरती है, उन सभी जिलों में गंगा के किनारे की जमीनों पर प्राकृतिक खेती और जैविक खेती कराए जाने की तैयारी है. किसानों को इसके लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित किया जाएगा.
जैविक खेती में तिलहन दलहन के साथ-साथ धान गेहूं की फसलों को भी जैविक बीज जैविक खाद उपलब्ध कराकर कराए जाने की तैयारी तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है. इसके अलावा प्राकृतिक खेती में किसानों को प्राकृतिक रूप से कराने की योजना बनाई गई है. इसके लिए 50 हेक्टेयर क्षेत्रफल का क्लस्टर बनाकर किसानों को जैविक खेती व प्राकृतिक खेती कराए जाने रूपरेखा तैयार की गई है. इसके लिए बकायदा किसानों को प्रशिक्षित करने के साथ-साथ आर्थिक सहयोग सब्सिडी के रूप में देने की भी योजना तैयार हुई है. प्राकृतिक खेती के लिए उत्तर प्रदेश के गंगा किनारे के 27 और बुंदेलखंड के 7 जिलों को तकनीक के साथ जोड़ते हुए केंद्र सरकार के साथ मिलकर खेती कराई जाएगी.