लखनऊःप्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने जन समस्याओं के समाधान के लिए सभी अधिकारी और विशेष रूप से फील्ड में तैनात अधिकारियों को दो घंटे कार्यालय में बैठने के निर्देश दिए हैं. अब अधिकारी सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक जनसुनवाई के लिए दफ्तर में बैठेंगे.
सुबह 10 से 12 बजे तक जनसुनवाई के लिए कार्यालय में बैठेंगे फील्ड में तैनात अधिकारी - Officers will conduct public hearings in offices
उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने अधिकारी और विशेष रूप से फील्ड में तैनात अधिकारियों को सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक जनसुनवाई के लिए दफ्तर में बैठने का निर्देश दिया है.
मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता की समस्याओं के निराकरण के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं. सीएम के निर्देशानुसार अधिकारी व विशेष रूप से फील्ड में तैनात अधिकारी अपने-अपने कार्यालयों में जनसुनवाई के लिए सुबह 10-12 बजे तक अवश्य बैठें. उन्होंने बताया कि जनसुनवाई के लिए अधिकारियों के बैठने की स्थिति की वरिष्ठ स्तर पर समीक्षा भी की जाएगी. उन्होंने बताया कि समस्त अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, मण्डलायुक्तों, आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद, पुलिस महानिदेशक, विभागध्यक्षों एवं सभी जिलाधिकारियों को मुख्यमंत्री के उक्त आदेशों का कड़ाई से अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश दिये गये हैं.
इसे भी पढ़ें-लखनऊ में 'राजस्थान कंप्यूटर शिक्षक भर्ती' का विरोध, प्रियंका गांधी से मिलने पहुंचे युवा
मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि प्रदेश में सम्पूर्ण समाधान दिवसकोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ आयोजित किये जाने के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कि गए हैं. मुख्य सचिव ने बताया कि सम्पूर्ण समाधान दिवस प्रत्येक माह के प्रथम व तृतीय शनिवार को तहसील मुख्यालय पर सुबह 10 से दोपहर दो बजे तक आयोजित किया जाएगा. जिलाधिकारी प्रत्येक तहसील में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस की अध्यक्षता करेंगे. इसमें जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक या पुलिस अधीक्षक शामिल होंगे. अन्य तहसीलों में जिलाधिकारी के निर्धारित रोस्टर के अनुसार मुख्य विकास अधिकारी अथवा उनके द्वारा नामित किसी अपर जिलाधिकारी सम्पूर्ण समाधान दिवस की अध्यक्षता करेंगे. इसमें अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण/नगर शामिल होंगे. जिलों को निर्देश दिया गया है कि समाधान दिवस में आने वाली जनता के बैठने से लेकर पीने के लिए पानी तक का इंतजाम किया जाए. इसके साथ ही उनकी समस्याओं का समाधान तेजी से किया जाए. इसकी समीक्षा भी की जाएगी.