लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भी अब शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के योग्यता प्रमाणपत्र ताउम्र वैध माने जाएंगे. केंद्र सरकार के बाद अब प्रदेश सरकार भी इन प्रमाण पत्रों की वैधता को अवधि को 5 साल से बढ़ाकर ताउम्र करने जा रही है. जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी होने की उम्मीद जताई जा रही है. विभागीय सूत्रों की माने तो केंद्र सरकार के फैसला आने के बाद ही राज्य सरकार ने भी अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है.
यह है केंद्र सरकार का फैसला
शिक्षक के रूप में काम करने के लिए किसी भी व्यक्ति के लिए शिक्षक पात्रता प्रमाण पत्र अनिवार्य होते हैं. वर्तमान व्यवस्था के तहत केंद्र स्तर पर जारी किए जाने वाले टीईटी प्रमाण पत्र 7 साल के लिए मान्य हुआ करते थे. वहीं, उत्तर प्रदेश में इस प्रमाण पत्र की वैधता सिर्फ 5 साल ही थी. ऐसे में हर बार शिक्षक को अपनी योग्यता साबित करनी पड़ती है. इसको लेकर शिक्षकों में काफी नाराजगी भी थी. केंद्र सरकार ने इस वैधता की व्यवस्था में परिवर्तन के आदेश जारी कर दिए हैं. इसके तहत यह प्रमाण पत्र अब 7 साल के बजाए ताउम्र वैध माने जाएंगे.
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शिक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा है कि जिन उम्मीदवारों या छात्रों के प्रमाणपत्र की सात वर्ष की अवधि पूरी हो गई है, उनके बारे में संबंधित राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रशासन टीईटी की वैधता अवधि के पुनर्निधारण करने या नया टीईटी प्रमाणपत्र जारी करने के लिये जरूरी कदम उठायेंगे. यह व्यवस्था 2011 से प्रभावी होगी.
नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन की ओर से जारी आदेश. एनसीटीई ने जारी किए यह दिशा निर्देश केंद्र सरकार के बाद नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन की ओर से भी इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किए जा चुकी है.- वर्ष 2011 को जारी दिशानिर्देश में टीईटी प्रमाण पत्र की वैधता संबंधित सरकार द्वारा तय किए जाने और उसे अधिकतम 7 साल रखे जाने का नियम बनाया गया.
- वर्ष 2011 के इस नियम में परिवर्तन कर दिया गया है. सक्षम सरकार की तरफ से कोई और आदेश न जारी किए जाने तक इसे ताउम्र मान्य किया गया है.
- इस आदेश के आधार पर 2011 में टीईटी पास करने वालों अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जो वैधता समाप्त हो गई है, इस संबंध में संबंधित सरकार अलग से प्रमाण पत्र जारी करे.
यह है उत्तर प्रदेश में तैयारी
केंद्र सरकार और एनसीटीई के दिशा निर्देशों के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के स्तर पर भी कवायद शुरू कर दी गई है. विभागीय सूत्रों की मानें तो जिम्मेदारों पर स्तर पर पीडी की वैधता को ताउम्र किए जाने के संबंध में मंथन शुरू हो गया है. सिद्धांत स्तर पर नए नियम को लागू करने पर सहमति भी बन गई है. लेकिन, इसे कब और कैसे लागू किया जाएगा? जिनके प्रमाण पत्रों की वैधता समाप्त हो गई है, उन्हें किस तरह से नए प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे? इन सब पहलुओं पर मंथन किया जा रहा है.