लखनऊ :डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) से सम्बद्ध सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए अब अलग-अलग विज्ञापन नहीं जारी होगा. अब विवि स्तर से सभी इंजीनियरिंग कॉलेज में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए कॉमन भर्ती प्रक्रिया के तहत विज्ञापन निकाले जाएंगे. प्रदेश के सभी गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेजो में खाली पदों को भरने के लिए एक साथ प्रक्रिया होगी. प्राविधिक विभाग के अनुसार प्रदेश के सभी गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में करीब 30 प्रतिशत से अधिक सीटे खाली हैं. प्राविधिक विश्वविद्यालय ने सभी संबंद्ध इंजीनियरिंग कॉलेज को अपनी खाली सीटों की सूचना प्राविधिक शिक्षा विभाग को भेजने के निर्देश दिए हैं.
कुल 18 कॉलेज में खाली हैं 550 से अधिक सीटें :प्राविधिक शिक्षा परिषद के अनुसार प्रदेश के गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेजों में कुल 550 से अधिक शिक्षकों की सीटें खाली हैं. राजधानी लखनऊ में स्थित इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की बात करें तो यहां कुल 74 शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं, इसमें 28 पद खाली हैं. वहीं सुलतानपुर की कमला नेहरू इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी में भी करीब 32 पद शिक्षकों के खाली हैं. झांसी इंजीनियरिंग कॉलेज में भी इतने ही पद शिक्षकों के खाली हैं. विभाग की ओर से बताया गया है कि अभी दीपावली से पहले सभी गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज से खाली सीटों का रिकॉर्ड प्राप्त हुआ है. जल्द ही इंजीनियरिंग कॉलेज में शिक्षकों के खाली सीटें भरने के लिए प्राविधिक शिक्षा विभाग की ओर से विज्ञापन निकाला जाएगा.
पहली की भर्ती प्रक्रिया पर कई बार उठ चुके हैं सवाल :डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जेपी पांडे ने कहा कि शासन को विभाग की ओर से शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. साथ ही स्टेट के सभी 18 गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज की खाली पड़ी सीटों की भी जानकारी भेजी गई है. उन्होंने बताया कि सभी इंजीनियरिंग कॉलेज में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए अलग-अलग विज्ञापन जारी होता है. इन सभी भर्ती प्रक्रिया का अध्यक्ष विश्वविद्यालय का कुलपति होता है. ऐसे में कई बार जब अभ्यर्थी एक उससे अधिक कॉलेज में भर्ती के लिए अप्लाई करता है तो वहां उसका चयन एक कॉलेज में हो जाता है, जबकि दूसरे कॉलेज के लिए उसे अनफिट घोषित कर दिया जाता है. जबकि उसे जहां अनफिट घोषित किया जाता है वह वहीं नियुक्ति चाहता है. ऐसे में कई बार इस चेन प्रक्रिया पर भी सवालिया निशान उठने लगते हैं. इससे कई बार कुलपति तक को सिलेक्शन कमेटी का अध्यक्ष होने के नाते आरोपों का सामना करना पड़ता है. इसी समस्या को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसके लिए सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा है. इसमें विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि प्राविधिक शिक्षा विभाग अब अलग-अलग इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए भर्ती प्रक्रिया एक-एक न कराकर सभी के एक साथ करने की सिफारिश की है. लगातार हो रही आपत्तियों को देखते हुए विभाग ने यह निर्णय किया है.
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