लखनऊः समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी अध्यक्ष शिवपाल सिंह को गठबंधन को लेकर कोई जवाब नहीं दिया है. बावजूद इसके अभी भी शिवपाल सिंह समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर उम्मीद पाले हुए हैं और वह इंतजार कर रहे हैं. शिवपाल सिंह सपा से गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में जाने को लेकर न सिर्फ मजबूर हैं, बल्कि परिवार को भी 'एक' करने की वह कोशिश में जुटे हुए हैं. भले ही दोनों दल अलग-अलग यात्रा निकाल कर अपनी तैयारियों को आगे बढ़ा रहे हों लेकिन चुनाव साथ में लड़ने में सपा के साथ ही प्रसपा को भी फायदा होगा.
प्रसपा के नेताओं का कहना है कि अखिलेश यादव भले अभी जवाब न दे रहे हो, लेकिन वह गठबंधन को लेकर काफी संजीदा हैं. अखिलेश यादव को पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से जिला स्तर पर लिए गए फीडबैक में यह बात की जानकारी मिली है कि अगर शिवपाल कई दलों के लोग मोर्चा बनाकर चुनाव मैदान में उतरते हैं तो सबसे बड़ा नुकसान समाजवादी पार्टी को हो सकता है. बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रसपा ने सपा को कई सीटों पर बहुत कम अंतर से हराया था. ऐसे में अखिलेश यादव न सिर्फ चिंतित हैं बल्कि संजीदगी से गठबंधन को लेकर अपने स्तर पर फीडबैक ले रहे हैं. भले अभी वह कुछ भी खुलकर ना बोल रहे हैं. यही कारण है कि प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव बार-बार अपने भाषण और मीडिया से बातचीत में सपा के साथ गठबंधन की प्राथमिकता बताते हुए अभी भी अखिलेश के जवाब का इंतजार कर रहे हैं.
मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर 'एक' होने की उम्मीद
शिवपाल की मजबूरी की बात करें तो उन्हें पता है कि अगर वह अकेले होकर और अन्य दलों के साथ मोर्चा बनाकर चुनाव मैदान में उतरते हैं तो वह सरकार बनाने लायक स्थिति में नहीं पहुंच पाएंगे. ऐसे में उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के साथ ही चुनाव लड़ने में फायदा है. यही कारण है कि वह हर स्तर पर प्रयास कर रहे हैं कि प्रसपा का सपा से गठबंधन हो जाए. भले कुछ सीटें कम मिलें, बस प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का सम्मान बचा रहे. अब देखना दिलचस्प होगा कि 22 नवंबर को समाजवादी पार्टी के संरक्षक पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन के अवसर पर शिवपाल और अखिलेश एक हो पाते हैं या नहीं? पार्टी के नेताओं को उम्मीद है कि मुलायम के जन्मदिन के अवसर पर 'यादव परिवार एक' होगा और 2022 विधानसभा चुनाव की लड़ने की नींव भी उसी दिन रखी जाएगी.