लखनऊः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में टिकट की दावेदारी करने वालों से कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने आवेदन फॉर्म के साथ 11000 रुपये सहयोग राशि के रूप में जमा कराने का निर्णय लिया है. कांग्रेस के इस निर्णय पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. भाजपा का कहना है कि कि कांग्रेस में टिकट मांग ही कौन रहा है. शुल्क मांगना केवल एक पब्लिसिटी स्टंट है. कांग्रेस से कोई टिकट मांगना ही नहीं चाहता है. वहीं, सपा का कहना है कि जमीन पर कांग्रेस कहीं नहीं है.
सपा और भाजपा ने कांग्रेस की खिंचाई की. भाजपा के प्रवक्ता मनीष शुक्ल ने कहा कि हम मानते ही नहीं कि कांग्रेस में कोई टिकट का इच्छुक है. कांग्रेस की डूबती नैया की सवारी आखिर कौन करेगा. इसलिए कांग्रेस इस तरह की बातों को केवल फैला रही है. मनीष शुक्ल ने कहा कि लाखों करोड़ के करप्शन में लिप्त कांग्रेस पार्टी के पास फंड की कोई कमी नहीं है. केवल एक शिगूफा भर खड़ा किया गया. जिसके जरिये मीडिया में स्थान मिल जाएगा.
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विवेक साइलस ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी अगर 11000 शुल्क अपने आवेदकों से ले रही है तो यह पार्टी का अपना मामला है. उनका अपना निर्णय है, लेकिन सच्चाई यह भी है कि पिछले 32 सालों से कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर है. जहां तक संगठन का मामला है तो ग्रामीण अंचल में कांग्रेस पार्टी कहीं नजर नहीं आती है. समाजवादी पार्टी को अपार समर्थन मिल रहा है. छात्र, नौजवान, महिलाओं और व्यापारियों के समर्थन से 2022 के चुनाव में समाजवादी पार्टी भारी बहुमत से सरकार बनाने जा रही है.
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वहीं, टिकट के दावेदारों से आवेदन शुल्क लिए जाने पर कांग्रेस पार्टी का कोई भी नेता कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं. हालांकि पार्टी के नेताओं का यह जरूर कहना है कि आवेदन शुल्क लगने से गंभीर लोग ही टिकट के लिए आवेदन करेंगे. बेवजह भीड़ नहीं बढ़ेगी, साथ ही पार्टी फंड में भी कुछ पैसा जमा हो जाएगा, जो चुनाव में ही काम आएगा. अन्य पार्टियां भी आवेदन शुल्क लेती हैं, कांग्रेस अकेली ऐसी पार्टी नहीं है.