लखनऊ:यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) का बिगुल बज चुका है. भाजपा-सपा और बसपा सहित सभी राजनीतक दल मतदाताओं को अपने पाले में लाने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं. इसी कड़ी में बहुजन समाज पार्टी (BSP) अपने ब्राह्मण कार्ड को विस्तार करने की रणनीति बनाई है. बसपा यूपी की सत्ता पर दोबारा काबिज होने के लिए 'ब्राह्मण कार्यकर्ताओं' की फौज तैयार कर रही है.
इसके तहत बसपा प्रमुख मायावती ने यूपी की 403 सीटों पर एक-एक हजार ब्राह्मण कार्यकर्ता तैयार करने का लक्ष्य बनाया है. ब्राह्मणों को जोड़ने का जिम्मा पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को सौंपा गया है. ऐसे में 4 लाख 3 हजार ब्राह्मण कार्यकर्ता जोड़ने का सितम्बर से सदस्यता अभियान चलाया गया. जिलों से बसपा मुख्यालय को भेजी गई रिपोर्ट में 70 फीसद विधानसभाओं में एक-एक हजार ब्राह्मण कार्यकर्ता जोड़ने का दावा किया गया है. शेष सीटों पर भी दिसम्बर तक सदस्यता अभियान को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं.
86 सुरक्षित सीट पर खास फोकस
गौरतलब है कि पार्टी के महासचिव सतीशचंद्र मिश्र ने हाल में भी पदाधिकारियों संग लखनऊ में बैठक की थी. इसमें सुरक्षित सीटों पर जीत के लिए ब्राह्मणों को जोड़ने पर विशेष जोर दिया. क्योंकि सुरक्षित सीट पर दलित वोटों का बंटवारा हो जाता है. ऐसे में ब्राह्मण वोट पार्टी के पक्ष में आने पर जीत आसान की जा सकती है. यही नहीं इन 86 सीटें हर हाल में जीतने के लिए 'भाईचारा' वाला फार्मूला तय किया गया है. लिहाजा, इन विधान सभाओं में सम्मेलन करके परंपरागत दलित वोट के अलावा पिछड़ा वर्ग और मुस्लिम समाज का समर्थन बसपा कार्यकर्ता जुटा रहे हैं.
सतीश चंद्र मिश्रा की हर मंडल में होंगी जनसभाएं
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने पार्टी से ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए बुधवार से सहारनपुर से प्रथम चरण की जनसभा शुरुआत कर दी है. सहारनपुर के रामपुर मनिहारालन में जनसभा में सतीश चंद्र मिश्रा ने भाईचारा बढ़ाना है, बसपा को लाना है, यह नारा दिया. इसी तरह बसपा की ओर से 9 दिसंबर को हाथरस, 10 दिसंबर को बिजनौर, 11 दिसंबर को हापुड़, 12 दिसंबर को आगरा ,13 दिसंबर को बरेली के फरीदपुर में जनसभाएं तय हैं. यह मंडल स्तरीय जनसभाएं हैं, इसमें सुरक्षित विधानसभा सीटों के कार्यकर्ता व पदाधिकारी मौजूद रहेंगे.