जुगाड़ से चल रहा यूपी का शिक्षा महकमा, करोड़ों छात्र-छात्राओं के भविष्य से हो रहा खिलवाड़ - Lucknow latest news
उत्तर प्रदेश में सरकार बच्चों की स्कूली शिक्षा को लेकर चाहें कितनी ही अच्छी तस्वीर क्यों न पेश करे, लेकिन पर्दे के पीछे की कहानी कुछ और ही हकीकत बयां कर रही है. शिक्षा विभाग पर करोड़ों बच्चों का भविष्य बनाने की जिम्मेदारी है. लेकिन यह पूरा महकमा ही जुगाड़ से चल रहा है. विभाग के पास काम करने के लिए अधिकारी तक नहीं हैं. विभाग में शासन स्तर पर बैठे आला अधिकारियों की मेहरबानी का नतीजा है कि कई वर्षों से पदोन्नति का लाभ तक नहीं मिल पाया है. निदेशक जैसे पद खाली पड़े हैं. सालों से अधिकारी एक ही पद पर बैठकर कुंठा के शिकार हो रहे हैं.
जुगाड़ से चल रहा यूपी का शिक्षा महकमा
By
Published : Oct 18, 2021, 1:36 PM IST
लखनऊःउत्तर प्रदेश में सरकार बच्चों की स्कूली शिक्षा को लेकर चाहें कितनी ही अच्छी तस्वीर क्यों न पेश करे लेकिन, पर्दे के पीछे की कहानी कुछ और ही हकीकत बयां कर रही है. शिक्षा विभाग पर करोड़ों बच्चों का भविष्य बनाने की जिम्मेदारी है लेकिन, यह पूरा महकमा ही जुगाड़ से चल रहा है. विभाग के पास काम करने के लिए अधिकारी तक नहीं हैं. विभाग में शासन स्तर पर बैठे आला अधिकारियों की मेहरबानी का नतीजा है कि कई वर्षों से पदोन्नति का लाभ तक नहीं मिल पाया है. निदेशक जैसे पद खाली पड़े हैं.
सालों से अधिकारी एक ही पद पर बैठकर कुंठा के शिकार हो रहे हैं. उधर, चहेतों और करीबियों के लाभ पहुंचाने के लिए सारी सीमाओं और मर्यादाओं को तोड़ा जा रहा है. आंकड़ों पर भरोसा करें तो अभी भी विभाग नहीं जागा को आने वाले चंद महीनों में शिक्षा विभाग में करीब 40 प्रतिशत पद खाली पड़े होंगे. यह क्लास वन अधिकारियों के पद हैं.
सिर्फ यूपी बोर्ड में हर साल 10 और 12वीं कक्षा में 56 लाख बच्चे परीक्षा देते हैं. एक अनुमान के मुताबिक, एक से 12 तक की कक्षा में बच्चों की संख्या चार से पांच करोड़ तक होगी. यह सिर्फ यूपी बोर्ड है. अन्य बोर्ड की छात्रसंख्या अलग है.
जुगाड़ से चल रहा यूपी का शिक्षा महकमा
हर साल इतने करोड़ बच्चों का भविष्य बनाने का जिम्मा जिस शिक्षा विभाग के पास है वह पहले से ही जुगाड़ पर चल रहा है. माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री डॉ.आरपी मिश्र का कहना है कि जब विभाग की स्थिति में सुधार नहीं होगा, स्कूल के स्तर पर बदलाव की उम्मीद करना भी बेकार है.
यह है हालत
शिक्षा विभाग में सबसे ऊंचा पद निदेशक का है. यह चार पद हैं. निदेशक बेसिक शिक्षा, निदेशक माध्यमिक, निदेशक एससीईआरटी और निदेशक साक्षरता. चार में से सिर्फ दो पदों में पर नियुक्ति की गई है. सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर को सेवानिवृत्त होने के बाद विस्तार देकर पद पर बनाए रखा गया है.
इसके अलावा, विभाग के क्लास वन के पद खाली पड़े हैं. हालत यह है कि अतिरिक्त कार्यभार देकर काम चलाया जा रहा है. कई ऐसे अधिकारी हैं जो दो-दो बड़े बड़े पदों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
एसोसिएशन के पत्र से हुआ खुलासा
यूपी एजुकेशनल ऑफीसर्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश की ओर से माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को एक पत्र भेजकर विभाग की वास्तविक स्थिति का खुलासा किया है. इस पत्र के मुताबिक विभाग स्तर पर पदोन्नति और चयन की प्रक्रिया कई वर्षों से रुकी हुई है. नतीजा, बड़ी संख्या में पद खाली हैं.
जुगाड़ से चल रहा यूपी का शिक्षा महकमा
हालत तो यह है कि विभाग के चार में से दो निदेशक के पद ही खाली पड़े हैं. पत्र में स्पष्ट लिखा है कि शासन की तरफ से एक अक्तूबर 2021 को पत्र जारी कर विभागीय प्रोन्नति की कार्रवाई को 31 अक्तूबर तक पूरा करने को कहा गया है लेकिन, अभी तक शिक्षा विभाग में इसकी शुरुआत की गई है. इसको लेकर विभागीय अधिकारियों में काफी हताशा और निराशा का माहौल है.
अब भी नहीं जागे तो यह होगी हालत
एसोसिएशन ने साफ किया है कि अगर अब भी विभागीय स्तर पर कार्रवाई नहीं की गई तो जून 2022 तक 40 फीसद से अधिक पद खाली हो जाएंगे.