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Acid Attack : यूपी में कम नहीं हो रहीं तेजाब हमलों की वारदातें, घरेलू हिंसा में भी किया जा रहा उपयोग - घरेलू हिंसा में एसिड अटैक

तेजाब या एसिड को अतीत में मनचलों ने खतरनाक हथियार के रूप में अपना लिया था. पुलिस की सख्ती बढ़ी तो कुछ हद तक मनचलों के केस में कमी आई, लेकिन अब एसिड घरेलू हिंसा में प्रयोग किया जा रहा है. बीते कुछ वर्षों के आंकड़ों को देखें तो यह काफी भयावह हैं. ऐसे में समय रहते तेजाब की बिक्री के साथ इस सामाजिक कुप्रवृत्ति पर अंकुश नहीं लगाना ही होगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 21, 2023, 4:39 PM IST

लखनऊ : प्रदेश में तेजाब हमलों की घटनाएं फिर बढ़ने लगी हैं. पहले इस तरह की घटनाएं प्राय: प्रेम प्रसंगों में असफल होने या फिर बदला लेने की नीयत की की जाती थीं, किंतु पिछले कुछ वर्षों में हुई वारदातें बताती हैं कि अब तेजाब या एसिड घरेलू हिंसा में भी हथियार बन रहा है. यह तब है, जबकि तेजाब की खुली बिक्री पर प्रदेश सरकार ने रोक लगाई हुई है. हालांकि रोक के बावजूद खतरनाक तेजाब अपराधियों को आसानी से मिल जाता है और वह इसे हथियार के रूप में इस्तेमाल भी कर लेते हैं.

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यूपी में हुईं एसिड अटैक की घटनाएं.
यूपी में हुईं एसिड अटैक की घटनाएं.



वर्ष 2017 में तत्कालीन प्रदेश सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया था कि वह सही एसडीएम स्तर के अधिकारी नियमितरूप से दुकानों का निरीक्षण कर इसकी जांच करें कि कहीं नियम विरुद्ध तरीके से तेजाब की बिक्री तो नहीं हो रही है. यदि कहीं ऐसा होता मिले तो उन्हें माल जब्त कर दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए. ऐसे करने वालों पर 50 हजार रुपये कर का जुर्माना किया जा सकता है. यही नहीं शासन ने निर्देश दिया था कि हर माह इस तरह की कार्रवाई का ब्योरा गृह विभाग को देना होगा. अधिकृत दुकानदारों को उपलब्ध माल के लिए स्टॉक रजिस्टर भी बनाने के लिए कहा था, किंतु इस ओर प्रशासन का ध्यान ही नहीं है. मुख्य सचिव ने अपने शासनादेश में हर माह की सात तारीख को कार्रवाई का ब्यौरा देने का निर्देश भी दिया था, किंतु अब यह प्रक्रिया शिथिल हो हई है.

यूपी में हुईं एसिड अटैक की घटनाएं.
यूपी में हुईं एसिड अटैक की घटनाएं.


वर्ष 2015 में तेजाब की बिक्री के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश जारी किया था. इस आदेश में कहा गया था कि कोई भी दुकानदार एसिड की बिक्री तभी कर सकता है, जब उसके पास जब उसके पास खरीदार का पूरा ब्यौरा उपलब्ध हो. दुकानदार को बिक्री का ब्यौरा और बेची गई मात्रा का ब्यौरा भी रजिस्टर में लिखना होगा. शीर्ष अदालत ने यह निर्देश भी दिया था कि खरीददार यह भी बताए कि उसे एसिड किस लिए चाहिए और वह अपना फोटो पहचान पत्र भी दुकानदार को उपलब्ध कराए. दुकानदारों को हर 15 दिन में अपने स्टॉक ही जानकारी स्थानीय एसडीएम को भी देनी होगी. नाबालिगों को तेजाब बिक्री को भी शीर्ष अदालत ने प्रतिबंधित किया था. अदालत ने एसिड अटैक को जघन्य अपराध माना था. एसिड अटैक की ज्यादातर घटनाएं महिलाओं पर ही होती हैं, जिससे उनका पूरा जीवन बर्बाद हो जाता है.

यूपी में हुईं एसिड अटैक की घटनाएं.
यूपी में हुईं एसिड अटैक की घटनाएं.
सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी आदित्य प्रकाश गंगवार कहते हैं बाजार में कई तरह का एसिड बिकता है. ज्यादातर बैट्रियों में इस्तेमाल होने के लिए और ट्वाइलेट क्लीनर आदि के लिए प्रयोग होने वाला एसिड ही बाजार में बिकता है. यह ज्यादा खतरनाक नहीं होता, किंतु आभूषणों आदि के लिए उपयोग होने वाला एसिड बहुत ही खतरनाक होता है. इसके अलावा भी कई तरह के तेजाब बाजार में रहते हैं. जब प्रशासन सख्ती करता है तो कुछ हद तक इस पर रोक लगती है, किंतु बाद में लोग फिर इसे बेचने लगते हैं. इसे रोकने के लिए प्रशासन को नियमित रूप से कार्रवाई करनी होगी.



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