उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

UP Corona Update : सरकारी के अलावा निजी अस्पतालों में भी कोविड पॉजिटिव आ रहे मरीज, 164 संक्रमित

उत्तर प्रदेश में तेजी से कोरोना वायरस के मरीज बढ़ रहे हैं. मौजूदा समय में प्रदेश में 164 संक्रमित मरीजों की संख्या पहुंच गई है, जबकि एक्टिव केस की संख्या 54 है.

कोरोना वायरस
कोरोना वायरस

By

Published : Mar 29, 2023, 10:11 PM IST

लखनऊ: प्रदेश भर में तेजी से कोरोना वायरस के मरीज बढ़ रहे हैं. ऐसे में एक्टिव केसों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. मौजूदा समय में प्रदेश में 164 संक्रमित मरीजों की संख्या पहुंच गई है, जबकि एक्टिव केस की संख्या 54 है. वैसे तो सभी सरकारी अस्पताल समेत सीएससी-पीएचसी में भी कोरोना वायरस की लगातार जांच हो रही है और प्रदेश सरकार का भी यही कहना है कि जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा सैंपलों की जांच की जाए. वहीं, इसके अलावा भी निजी अस्पतालों में भी कोरोनावायरस की जांच हो रही है और निजी अस्पतालों में सैंपल देने वाले मरीजों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ रही हैं.

राजधानी में बुधवार को आठ कोविड संक्रमित मरीज मिले, जबकि पांच संक्रमित मरीज ठीक भी हुए हैं. वहीं, बीते मंगलवार को भी आठ लोग वायरस की चपेट में आ गए थे. जबकि बीते सोमवार को एक भी मरीज संक्रमण की चपेट पर नहीं आए थे. शहर के अलग-अलग इलाकों के लोगों में वायरस की पुष्टि हुई है. इससे संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ गया है. राहत की बात यह है कि सभी मरीज होम आईसोलेशन में हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम मरीजों की सेहत की निगरानी कर रही है.

अलीगंज, चिनहट, मलिहाबाद व गोमतीनगर में एक-एक लोग संक्रमण की चपेट में आ गए हैं. इंदिरानगर में एक महिला व पुरुष में संक्रमण की पुष्टि हुई है. सरोजनीनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के तहत दो लोगों में वायरस की पुष्टि हुई है. इस माह एक दिन में सबसे ज्यादा लोग कोविड पॉजिटिव आ चुके हैं. अभी तक अधिकतम पांच लोग वायरस की जद में आ चुके हैं. रोजाना 800 से 1000 लोगों की कोरोना जांच हो रही है.

पांच मरीज ठीक हुए
कोरोना को मात देने वालों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है. पांच मरीजों ने वायरस को हराने में कामयाबी हासिल की है. लखनऊ में कोविड के 27 एक्टिव मरीज हैं. सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि सभी मरीज होम आईसोलेशन में हैं. मरीजों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है. वायरस की चपेट में आने से बचने के लिए सेहत का खयाल रखें. मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें. सर्दी-जुकाम, बुखार, गले में खराश होने पर डॉक्टर की सलाह लें. जांच कराने में हिचकें नहीं. खुद को आईसोलेट रखें, ताकि संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके.

स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयोजित हुआ तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम
राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम एवं राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के संयुक्त सहयोग से सदर स्थित यातायात पुलिस मुख्यालय में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों को तंबाकू और अन्य तम्बाकू उत्पादों के उपयोग से होने वाले दुष्प्रभाव, सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा - 2003) और कार्यस्थल पर तनाव प्रबंधन विषय पर बुधवार को संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित हुई.

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि इस मौके पर जिला अस्पताल बलरामपुर के मानसिक विभाग की मनोचिकित्सक गरिमा सिंह ने कार्यस्थल पर तनाव और उसके प्रबंधन के बारे में बताया कि कार्यस्थल ही नहीं परिवार या अन्य कहीं भी सामंजस्य बहुत जरूरी होता है. सामंजस्य न होने से लोग तनाव, चिंता, अवसाद जैसी मानसिक बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं. इनसे निपटने का एक आसान सा रास्ता है कि समस्या पर बात करना, उससे दूर नहीं भागना जो कि स्वयं के हाथ में होता है.

इसके साथ ही इसके लक्षणों को पहचानना भी बहुत जरूरी होता है. जिस तरह से शारीरिक रोगों की समय से पहचान कर इलाज आसान हो जाता है उसी तरह से मानसिक बीमारियों की समय से पहचान कर सही इलाज सुनिश्चित किया जा सकता है. मानसिक बीमारी को छुपाएं नहीं. मानसिक बीमारी को लेकर लोगों में यह धारणा है कि इसका इलाज जीवन पर्यंत चलता है जबकि ऐसा नहीं है. कुछ बीमारियों को छोड़कर अन्य सभी बीमारियों का इलाज थोड़े समय के लिए ही चलता है. गरिमा सिंह ने बताया कि आज के समय में दिनचर्या बहुत व्यस्त है ऐसे में हम संगीत सुनकर, योग और व्यायाम कर, बागवानी कर, अपने पसंद का काम कर तनाव को कम कर सकते हैं. गरिमा ने बताया कि नशा और मानसिक बीमारी एक दूसरे से जुड़े हैं. एक तरफ नशा करने से लोग बीमारी की चपेट में आते हैं. वहीं, मानसिक रूप से बीमार भी नशा करने लगते हैं.

इस मौके पर जिला तंबाकू सलाहकार डॉ. मयंक चौधरी ने सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा), 2003 के बारे में विस्तार से बताया कि तंबाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापनों पर पूर्ण प्रतिबंध है. इसके साथ ही सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करना अपराध है. शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज की परिधि में तंबाकू बेचना प्रतिबंधित है. 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को और व्यक्ति के द्वारा तंबाकू बेचना प्रतिबंधित है.

तंबाकू या तंबाकू उत्पादों पर चित्रमय स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित करना अनिवार्य है. अधिनियम के प्रावधानों का पालन न करने पर अर्थदंड या कारावास का प्रावधान है. बलरामपुर जिला अस्पताल स्थित तंबाकू उन्मूलन केंद्र की काउन्सलर डॉ. रजनीगंधा श्रीवास्तव ने केंद्र के बारें में जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र पर न केवल तंबाकू छोड़ने के बारे में काउंसलिंग की जाती है, बल्कि दवाएं भी दी जाती है. इस मौके पर जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम से आदेश टंडन, जिला तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिंह यादव, यातायात पुलिस के एएसआई धर्मेंद्र सिंह सहित यातायात पुलिस मुख्यालय के लगभग 40 कर्मचारी मौजूद रहे.

पढ़ेंः Corona Virus: BHU वैज्ञानिक का दावा- घातक नहीं कोरोना का ये नया वैरिएंट

ABOUT THE AUTHOR

...view details