लखनऊ : उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय राय की व्यक्तिगत सुरक्षा वापस लेने और निजी शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर गंभीर सवाल उठाये हैं. अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं के प्रति विद्वेषपूर्ण वैमनस्यता और बदले की कार्रवाई से प्रेरित है. प्रदेश अध्यक्ष ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अजय राय की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की है. सुरक्षा व्यवस्था हटाने एवं शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने पर गंभीर सवाल उठाए हैं. अविलम्ब सुरक्षा व्यवस्था बहाल किए जाने और शस्त्र लाइसेंस फिर से जारी किए जाने की मांग की है.
अजय राय की सुरक्षा हटाना बदले की कार्रवाई : अजय कुमार लल्लू - योगी सरकार
अजय राय की सुरक्षा हटाने और शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने पर यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने योगी सरकार के इस कार्रवाई को बदले की कार्रवाई बताया है.
![अजय राय की सुरक्षा हटाना बदले की कार्रवाई : अजय कुमार लल्लू अजय कुमार लल्लू](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-11303320-25-11303320-1617712452773.jpg)
जनप्रतिनिधि की जानमाल के साथ खिलवाड़
कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा, "आज योगी सरकार कांग्रेस की आवाज को येन-केन-प्रकारेण दबाना चाहती है. जनप्रतिनिधि रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय राय की सुरक्षा एवं व्यक्तिगत शस्त्र लाइसेंस निरस्त करना इसका जीता-जागता उदाहरण है. आज पूरे प्रदेश में कांग्रेस की आवाज को बलपूर्वक दबाया जा रहा है और लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. उच्चतम न्यायालय ने जघन्य अपराधों जैसे हत्या आदि के मामलों में गवाहों की सुरक्षा को लेकर वर्ष 2018 के गवाह संरक्षण योजना का खुला उल्लंघन योगी सरकार कर रही है. अजय राय अपने भाई की हत्या के मामले में चश्मदीद गवाह हैं. ऐसे में उनकी सुरक्षा हटाना और उनके निजी शस्त्र लाइसेंस निरस्त करना उच्चतम न्यायालय के उक्त निर्देश की अवहेलना है. यह भी गौर करने वाली बात है कि अजय राय को प्रदेश सरकार ने 10 प्रतिशत निजी व्यय पर सुरक्षा उपलब्ध कराई थी."
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि पुलिस उपाधीक्षक, प्रज्ञान वाराणसी नेे 31 मार्च को पत्र लिखकर वाराणसी पुलिस को आख्या भेजी कि अजय राय को सुरक्षा की कोई आवश्यकता नहीं है. इसी माह अप्रैल में पुलिस उपायुक्त वाराणसी ने स्पेशल जज एमपी/एमएलए इलाहाबाद को पत्र के माध्यम से अजय राय की सुरक्षा हटाए जाने की सूचना देते हुए अजय राय को सिर्फ जिन मुकदमों में वह साक्षी हैं, वाराणसी से न्यायालय तक आने-जाने तक ही सुरक्षा देने का निर्णय लिया है, जो पूरी तरह योगी सरकार के इशारे पर किसी भी राजनीतिक दल के जनप्रतिनिधि की जानमाल के साथ खिलवाड़ है. यह स्पष्ट रूप से राजनीतिक विद्वेष एवं बदले की भावना से भाजपा सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाइयों का उदाहरण है.
बदले की कार्रवाई कर रही योगी सरकार
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अजय राय विगत दो लोकसभा चुनावों में वाराणसी संसदीय क्षेत्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं. योगी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ सोशल मीडिया और आन्दोलनों के माध्यम से सरकार को घेरते रहते हैं. यही कारण है कि सरकार द्वारा राजनीतिक विद्वेष के तहत अजय राय पर बदले की भावना से कार्रवाई की गई है. यह लोकतंत्र में उचित नहीं है.