लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर शुरू हुई राजनीतिक लड़ाई ने कांग्रेस की मुश्किल बढ़ा दी है. पोस्टर वार में कूदी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वहीं कांग्रेस के कुछ नेता थाने भी पहुंचे, लेकिन तादाद कम होने की वजह से लौटकर कांग्रेस कार्यालय पहुंच गए. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता उमाशंकर पांडेय ने कहा कि यूपी सरकार संविधान से नहीं बल्कि गोरखपुर के मठ से चल रही है.
बता दें कि दोनों नेताओं की गिरफ्तारी की घटना के बाद कांग्रेस नेतृत्व पर कार्यकर्ताओं के लिए आंदोलन का दबाव है. प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एक बैठक बुलाई गई है, जिसमें अगली रणनीति पर विचार किया जा रहा है.
राजधानी लखनऊ में शुरू हुए पोस्टर वार का शिकार कांग्रेस के दो कार्यकर्ताओं को बनना पड़ा है. जिला प्रशासन की ओर से नागरिकता संशोधन कानून विरोधी प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के आरोपितों के पोस्टर लगाए गए, तो जवाब में समाजवादी पार्टी के एक नेता की ओर से राजधानी के प्रमुख स्थलों पर पोस्टर लगाया गया. पुलिस ने सपा की ओर से लगाए गए पोस्टर हटा दिए, लेकिन कांग्रेस के छात्र संगठन के नेताओं ने राजधानी लखनऊ के प्रमुख स्थलों और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय के बाहर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित अन्य भाजपा नेताओं पर दर्ज मुकदमों की जानकारी के साथ पोस्टर और होर्डिंग लगा दिए.
पुलिस ने इन पोस्टरों को हटाया, लेकिन शनिवार की देर शाम कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय के बाहर से दो कार्यकर्ताओं सुधांशु बाजपेयी और अश्वनी कुमार को गिरफ्तार कर लिया. रविवार की दोपहर कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष मुकेश कुमार सिंह और प्रदेश प्रवक्ता उमा शंकर पांडे व अनूप पटेल हजरतगंज थाने भी पहुंचे थे, लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जेल भेजने की जानकारी मिलने के बाद सभी कार्यकर्ता वापस लौट आए.