लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं को लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार संघर्ष की राह पर है. रायबरेली में प्रस्तावित मंथन शिविर में इन सभी मुद्दों पर चर्चा होगी. यह कहना है कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का. ईटीवी भारत के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश और केंद्र की सरकार के खिलाफ मुद्दों पर आधारित आंदोलन का बिगुल कांग्रेस ने बजा दिया है और इसका असर भी जल्द दिखाई देगा. भाजपा को जनता से जुड़े मुद्दों पर कांग्रेस कार्यकर्ता हर चौक- चौराहे पर घेरेगा.
कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में गुरुवार को ईटीवी भारत से बातचीत में अजय कुमार लल्लू ने कहा कि रायबरेली में प्रस्तावित मंथन शिविर संगठन और कांग्रेस की राजनीतिक तैयारियों की दृष्टि से बेहद अहम है. पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के मार्गदर्शन में प्रदेश के सभी जिला और शहर अध्यक्ष उपस्थित रहेंगे.
जनता को किया जाएगा जागरूक
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि प्रशिक्षण शिविर का मकसद अपने नए जिला और शहर अध्यक्ष को पार्टी के संविधान पार्टी की नीति और पार्टी के पिछले दिनों के राजनीतिक एजेंडे से परिचित कराने के साथ ही उन पर विस्तार से चर्चा करना है, जिससे सभी लोगों से मिले विचारों के आधार पर राष्ट्रीय और स्थानीय राजनीतिक मुद्दों की पहचान करना है. उनके लिए ऐसी कार्ययोजना तैयार करना है, जिससे जनता को सहूलियत प्रदान करने का जो लक्ष्य है, उसे हासिल किया जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार की विफलताओं को उजागर करने वाले मुद्दों की पहचान करने के साथ ही एक सकारात्मक और रचनात्मक कार्यक्रम को तैयार करना है, जिससे जनता को जागरुक कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत किया जा सके.
किसानों को नहीं मिल रहा अन्ना पशुओं की समस्या का कोई हल
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि किसान हताश और निराश हो चला है. रात-रात भर जागकर अपने खेत की रखवाली करने को मजबूर हो रहा है. सरकार ने गोशाला तो बनाई, लेकिन वह ग्राम प्रधानों के ऊपर छोड़ दिया. ग्राम प्रधान की अपनी मजबूरियां है, उसके पास अपनी सीमित संसाधन हैं. ऐसे में उसकी अपनी अलग व्यथा है, लेकिन सरकार ग्राम प्रधान की समस्या जानने के बजाय अपने अधिकारियों को ले जाकर वहां फोटो खींच लाती है और ग्राम प्रधान को गोशालाओं की व्यवस्था न्यूनतम संसाधनों में करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. इसका प्रतिफल है कि किसानों को अन्ना जानवर की समस्या का कोई हल नहीं मिल रहा है.