लखनऊ : प्रदेश में हो रहे निकाय चुनाव में सभी दलों के नेता अपनी पत्नी, बेटों अथवा परिवार के अन्य सदस्यों को टिकट दिलाना चाहते हैं. सबसे अधिक मारामारी सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी में है. यह बात और है कि उन्हें इसमें कितनी सफलता मिलती है, कहना कठिन है. इस दौड़ में कई मंत्री, पूर्व मंत्री, सांसद, पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व विधायक और पदाधिकारी भी शामिल हैं. देर रात समाजवादी पार्टी ने अपने मेयर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. इसमें एक-दो नेताओं को छोड़कर बाकियों को अपने परिजनों को टिकट दिलाने में सफलता नहीं मिल सकी है. लोगों की निगाहें अब भारतीय जनता पार्टी पर टिकी हैं. तमाम नेता चाहते हैं कि उनका ही कुनबा राजनीति में आगे बढ़े. यह बात और है कि पार्टी स्तर पर परिवारवाद को कितना बढ़ावा मिलता है यह देखने वाली बात होगी. गौरतलब है कि वर्ष 2021 में हुए पंचायत चुनावों में भाजपा ने पार्टी नेताओं के परिजनों को प्रत्याशी बनाने से इंकार कर दिया था. इस कारण उसे कई स्थानों पर बगावत का भी सामना करना पड़ा था. इस चुनाव में कोई भी पार्टी यह नहीं चाहेगी. सभी दल ज्यादा से ज्यादा सीटें जीत कर आना चाहते हैं, ताकि लोकसभा चुनाव के लिए उनके पक्ष में माहौल बन सके.
परिवारवाद से नहीं उबर पा रहे दल, अपनों के टिकट दिलाने के लिए सक्रिय हैं कई नेता - UP Bureau Chief Alok Tripathi
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव का शंखनाद हो चुका है. ऐसे में सभी दलों में प्रत्याशी चयन को लेकर गहमागहमी बनी हुई है और टिकट बंटवारे में परिवारवाद देखने को मिल रहा है. सभी नेता अपनी पत्नी, बेटों अथवा परिवार के अन्य सदस्यों को टिकट दिलाना चाहते हैं. पढ़ें यूपी के ब्यूरो चीफ आलोक त्रिपाठी का विश्लेषण.
राजधानी लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी के मेयर प्रत्याशी को लेकर तमाम कयास और अटकलें लगाई जा रही हैं. एक ओर निवर्तमान महापौर संयुक्ता भाटिया अपनी बहू रेशू भाटिया के लिए टिकट की मांग कर रही हैं तो वहीं लखनऊ उत्तर विधानसभा सीट से विधायक नीरज बोरा अपनी पत्नी बिंदु बोरा को मेयर बनाना चाहते हैं. यही नहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा भी अपनी पत्नी के लिए महापौर का टिकट चाहते हैं. हालांकि जाहिरा तौर पर उन्होंने एक टि्वट कर इसका खंडन किया है. लखनऊ में मेयर पद के लिए यदि नेताओं के इन परिजनों का नाम छोड़ दें तो और भी कई हस्तियां हैं जो इस दौड़ में शामिल हैं. समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव भी मेयर पद की दावेदार हैं. वहीं पूर्व सांसद अखिलेश दास की पत्नी को भी मेयर पद की दौड़ में दावेदार माना जा रहा है. इसी तरह प्रयागराज में भी कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल नंदी की पत्नी अभिलाषा नंदी तीसरी बार महापौर बनना चाहती हैं. बताया जाता है कि नंदी अपनी पत्नी को टिकट दिलाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. कुछ अन्य सीटों पर भी भाजपा विधायक, सांसद और मंत्रियों के परिजन दावा कर रहे हैं.
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