लखनऊ : प्रदेश में आईएएस और आईपीएस के बीच चल रही तनातनी अब और अधिक जोर पकड़ सकती थी. मुख्य सचिव के एक आदेश के मुताबिक कानून व्यवस्था को लेकर ऐसे जिले जहां पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू नहीं है वहां जिलाधिकारी पुलिस की कानून व्यवस्था के संबंध में बैठक करेगा. ऐसे में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को डीएम की अध्यक्षता वाली बैठक में बैठना होगा. जिससे एक बार फिर आईएएस और आईपीएस के बीच में अहम का टकराव होने की आशंका थी. वहीं सुभाष चन्द्र शर्मा को प्रमुख सचिव पिछड़ा वर्ग कल्याण और नरेंद्र भूषण को प्रमुख सचिव विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग की जिम्मेदारी दी गई है.
फिलहाल यूपी की ब्यूरोक्रेसी में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र का यह आदेश इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ था. इस आदेश को करने के केवल कुछ घंटे बाद ही शासन ने से वापस भी ले लिया है. प्रदेश के अनेक बड़े जिलों में कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद पुलिस और प्रशासन के बीच का टकराव आए दिन की बात हो रही है. आईएएस और आईपीएस संवर्ग के बीच अधिकारों को लेकर रास्ताकशी बनी रहती है. माना जा रहा है कि IAS इन दोनों आईपीएस के मुकाबले कमजोर पड़ रहे हैं. ऐसे मुख्य सचिव का या आदेश ब्यूरोक्रेसी में नई हलचल पैदा कर सकता है. इस संबंध में हुई एक बैठक के बाद मुख्य सचिव ने सभी जिलों में यह आदेश जारी कर दिया है.