लखनऊ : प्रदेश के गांवों को स्मार्ट विलेज बनाने की अवधारणा को मजबूती प्रदान करने के लिए हर गांव में विश्वकर्मा संकुल का निर्माण किया जाए. इसके जरिए ग्राम्य अर्थव्यवस्था को जहां आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी, वहीं ग्रामीण श्रमिकों को अपनी मेधा का प्रदर्शन करने और सेवाएं प्रदान करने के लिए एक ही छत के नीचे सारी व्यवस्थाएं उपलब्ध हो सकेंगी. इसके लिए पंचायती राज विभाग के साथ समन्वय स्थापित करते हुए कार्य को तेज गति से आगे बढ़ाया जाए. ये निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूक्ष्म लघु मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिए.
मुख्यमंत्री ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि योजना के अंतर्गत अन्य परंपरागत ट्रेड्स भी चिह्नित करते हुए जल्द से जल्द शामिल किया जाए. लाभार्थियों को प्रॉपर ट्रेनिंग दी जाए और उनके ट्रेड से जुड़े मार्केट के बारे में भी अवगत कराया जाए. मुख्यमंत्री ने योजना के तहत वितरित किये जाने वाले टूलकिट की गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार का समझौता न करने के भी विशेष निर्देश दिये. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिस दिन विश्वकर्मा श्रम सम्मान से जुड़े लाभार्थियों को टूलकिट का वितरण हो उसी समय उन्हें लोन भी उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए. विश्वकर्मा श्रम सम्मान से जुड़े लाभार्थियों को ऑनलाइन पेमेंट सेवाओं से जोड़ा जाए. मुख्यमंत्री ने ट्रेंड श्रमिकों के लिए पोर्टल विकसित करते हुए उनकी जानकारी सार्वजनिक उपलब्ध कराने के निर्देश दिये.
यूपी आईटीएस की तैयारियों की समीक्षा :21 से 25 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा में आयोजित होने वाले यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपी आईटीएस 2023) को लेकर तैयारियों अधिकारियों ने मुख्यमंत्रो को अवगत कराया. सीएम ने कहा कि यूपी आईटीएस महत्वपूर्ण आयोजन है. इसके जरिए प्रदेश की उत्कृष्ट कला को वैश्विक रूप से प्रदर्शित करने का हमारे पास बड़ा अवसर है.
सीएफसी को लेकर दिये निर्देश :अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि वर्तमान में प्रदेश के सात जिलों में सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) कार्य कर रहे हैं. इसके अलावा सात सीएफसी अक्टूबर और सात सीएफसी फरवरी 2024 तक क्रियाशील हो जाएंगे. पांच अन्य जिलों में सीएफसी की स्थापना के लिए काम चल रहा है.
कृषि का अहम योगदान : यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में कृषि का अहम योगदान होगा. कृषि को उस कोर सेक्टर में रखा गया है, जो उत्तर प्रदेश को तरक्की के शिखर पर ले जाएगा. बीते दिनों वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधियों के साथ मुख्य सचिव की मुलाकात में कृषि के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहे उत्तर प्रदेश की इस रणनीति को प्रस्तुत किया गया और भविष्य की संभावनाओं से परिचित कराया गया.
कृषि में हो रहा इनोवेशन का उपयोग : उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कंसल्टेंट के रूप में कार्य कर रही कंपनी ने वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधियों के समक्ष प्रस्तुतिकरण के माध्यम से बताया कि कैसे कृषि वन ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होगी. बीते छह वर्ष में सीएम योगी की सरकार में कृषि क्षेत्र में कई नए इनोवेशन किए गए हैं, जिसका प्रभाव कृषि उत्पादकता में वृद्धि के रूप में देखने को मिला है. प्रदेश आज गेहूं उत्पादन में नंबर एक पर है, जबकि चावल उत्पादन में दूसरे स्थान पर. प्रदेश में कई तरह की फसलों पर काम हो रहा है. कृषि के अंदर नवाचार की शक्ति का संचयन हो रहा है, जिसके चलते कृषि की उच्च तकनीक भविष्य की खेती का आधार बनने की ओर अग्रसर है.