मुख्यमंत्री ने नेता विरोधी दल पर चलाए व्यंग्य बाण.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेता विरोधी दल और समाजवादी पार्टी पर खूब व्यंग्य बांण चलाए. मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने बजट की आलोचना करते हुए कई मुद्दे उठाए थे. बुधवार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन सभी विषयों का बारी-बारी से जवाब दिया, बल्कि विपक्ष को निशाने पर भी लिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि समस्याओं का सामना करने के लिए दो ही तरीके होते हैं 'भाग लो या भाग लो...' दरअसल उनकी यद टिप्पणी अखिलेश यादव पर थी, क्योंकि वह इस दौरान सदन में उपस्थित नहीं थे. उन्होंने शिवपाल यादव पर भी खूब चुटकियां लीं.
मुख्यमंत्री ने नेता विरोधी दल पर चलाए व्यंग्य बाण. जातीय जनगणना और प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर जारी बहस पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा 'टेस्ट, वैक्सीन और राशन किसी की जाति देखकर नहीं लगाए गए थे. योजनाओं का लाभ, विकास सब तक पहुंचाने का काम हमने पूरी मजबूती के साथ किया. विरोधी दल कैसी बातें कर रहे थे. जाति हाय री जाति. कल पूरे टेलिविजन रंगे थे, प्रयागराज की घटना को लेकर. पूरी घटना का साजिशकर्ता की फोटो वायरल हो रहे थी. कोई उससे भाग नहीं सकता. हाथ मिला रहे हैं, पीछे आपकी पार्टी का सिंबल लगा है, फिर भी आप मुंह मोड़ने का काम कर रहे हैं. उमेश पाल, संदीप निषाद की कोई जाति नहीं थी क्या यानी आप ठेका ले चुके हैं जाति का, लेकिन किसी गरीब, पिछड़े को पेशेवर अपराधियों को संरक्षण देकर मरवाएंगे, यह क्या तमाशा है, फिर मुकर भी जाएंगे, यह बड़ी अजीब बात है. राजू पाल की कोई जाति नहीं थी क्या, जब राजू पाल की हत्या हुई थी तब इस माफिया के संरक्षणदाता कौन थे? राजू पाल अपने दम पर विधायक बन गया था. आप जाति-जाति की बात करते हैं. मैंने इसी बात को पिछली बार भी कहा था. हम विकास, इन्फ्रास्ट्रक्चर, यूपी की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन बनाने की बात करते हैं तो आप हंसते हैं.
मुख्यमंत्री ने नेता विरोधी दल पर चलाए व्यंग्य बाण. मुख्यमंत्री ने कहा 'सरकार किस प्रकार की होनी चाहिए? समस्याओं से मुंह मोड़ने वाली या चुनौती के रूप में स्वीकार करने वाली और भ्रष्टाचार और अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य करने वाली. नेता विरोधी दल जब बोल रहे थे, तो यूपी को पिछले पायदान पर ढकेलने पर उन्हें प्रसन्नता हो रही थी. समस्या के दो समाधान होते हैं. भाग लो या फिर भाग लो...! या तो समस्याओं को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए उसका समाधान करो जैसा छह साल में हमारी सरकार ने पूरी प्रतिबद्धता के साथ किया गया है या जैसे नेता प्रतिपक्ष की सीट खाली है 'भाग लो' उस तरह. मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा 'पहले आप घोषणापत्र जारी करते थे. घोषणाएं बड़ी-बड़ी होती थीं, होता कुछ नहीं था. वर्ष 2016 में रियो दि जेनेरियो ओलंपिक के खिलाड़ियों, बैडमिंटन से पीवी सिंधु, कुश्ती में साक्षी मलिक और जिम्नास्टिक में दीपा कर्माकर को एक-एक करोड़ देने की घोषणा की थी. छह महीने में कुछ नहीं किया, फिर जनता ने कुछ करने लायक ही नहीं छोड़ा. जब हमें जानकारी मिली तब 26 जनवरी 2018 को प्रदेश सरकार की ओर से हमने राशि प्रदान की. आप घोषणा के अलावा करते क्या थे, हम लोग संकल्प करते हैं और उसी आधार पर कार्य करते हैं.'
मुख्यमंत्री ने नेता विरोधी दल पर चलाए व्यंग्य बाण. सीएम ने कहा 'नेता विरोधी दल कल प्रश्नचिह्न लगा रहे थे, कि क्या यह संभव हो पाएगा. मुझे आश्चर्य हुआ कि कैसी बात कर रहे हैं, क्यों नहीं हो सकता है. यूपी में क्या नहीं है, देश की सबसे अच्छी उर्वरा भूमि, देश का सबसे अच्छा जल संसाधन हमारे पास है, सबसे अच्छा यूथ भारत के पास है. कल मैं सोच रहा था कि नेता विरोधी दल यह न कह दें कि डेडिकेटेड कॉरिडोर हमने शुरू किया है. 16 हजार किलोमीटर का रेल नेटवर्क यूपी के पास है. ईस्टर्न और वेस्टर्न फ्रेट कॉरीडोर यूपी से होकर गुजर रहा है. प्रधानमंत्री ने अभी सबसे लंबे रिवर क्रूज का शुभारंभ वाराणसी से किया है. यूपी में एयर कनेक्टिविटी बेहतर हुई है और इसमें व्यापक संभावनाएं हैं. मुख्यमंत्री ने शिवपाल यादव से चुटकी लेते हुए कहा कि यदि आपसे विभाग वापस न ले लिए जाते तो आपके कार्यकाल में ही तमाम योजनाएं पूरी हो जातीं.