लखनऊ : विधानसभा सदन की कार्यवाही में बुधवार को समाजवादी पार्टी के सदस्य ओमप्रकाश सिंह तथा रविदास मेहरोत्रा ने पुलिस भर्ती में हुई धांधली का मामला उठाया. सपा सदस्यों ने कहा कि पुलिसकर्मियों की नियुक्ति में मानकों की अनदेखी कर अनियमितता बरती गई है. इस मामले में सपा सदस्यों ने सरकार से पूरी चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की मांग की. जवाब में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि जिस एजेंसी से चयन प्रकिया से पुलिस भर्ती की परीक्षा कराई गई वह उस समय ब्लैक लिस्टेड नहीं थी. चयन प्रक्रिया में निर्धारित मानकों का पूरी तरह पालन किया गया है और ऑनलाइन परीक्षा कराई कराई गई. 18 दिनों में 54 पालियों में पुलिसभर्ती की परीक्षा कराई गई. इस परीक्षा में 12 लाख लोगों ने आवेदन किया था. इस मामले में अनियमितता प्रकाश में आने पर 169 लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें जेल भेजा गया. संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि यह एक तरह चलन हो गया है जो लोग परीक्षा में सफल नहीं हो पाते वे परीक्षा में धांधली का आरोप लगाने लगते हैं. उन्होंने कहा कि चयन प्रक्रिया में पूरी तरह सावधानी बरती गई है.
प्रश्न प्रहर में सपा की डाॅ. रागिनी सोनकर ने प्राथमिक विद्यालयों को जोड़ने वाली सड़कों का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालयों के स्कूलों को जाने वाली सड़कें जर्जर हालत में हैं. जिसके चलते बच्चों को पगडंडियों के सहारे स्कूल जाना पड़ता है. जवाब में लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में दो लाख से ज्यादा ग्रामीण सड़कें हैं. ऐसी सड़कों पर आवागमन ज्यादा होता है और वे जल्दी जर्जर हो रही हैं. ऐसी सड़कों पर ओडीआर में परिवर्तित किया जाने की योजना है. उन्होंने सपा सदस्य के इस आरोप को भी खारिज किया कि पोलिंग बूथों को जोड़ने वाली सड़कें जर्जर होने से मतदान प्रतिशत कम हो रहा है. लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद से मतदान प्रतिशत बढ़ा है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भारतीय जनता पार्टी को दुबारा सत्तारूढ़ होने का मौका मिला है. उन्होंने कहा कि सड़कों के साथ-साथ बेटियों की शिक्षा के प्रति सरकार सजग है.