लखनऊ : वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार का पहला बजट पेश किया गया. तब सरकार का जोर एक्सप्रेस-वे पर था. साथ ही धार्मिक पर्यटन की बात भी जोर-जोर से कही गई थी. 2022 आते आते सरकार का बजट एक्सप्रेस वे सेयुवाओं के लिए स्टार्टअप योजनाओं तक पहुंचा था, मगर धार्मिक परिवर्तन पर सरकार पांच सालों तक लगातार अडिग रही. इस योजना को जनता ने बहुत सराहा. काशी विश्वनाथ का विकास हो या फिर मथुरा वृंदावन का, अयोध्या में बदलती स्थितियां हों या फिर नैमिषारण्य में विकास, सभी योजनाओं के जरिए उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन बढ़ रहा है. जब भी प्रदेश की जनता इस को खुले मन से स्वीकार कर रही है.
UP budget 2023 : एक्सप्रेस वे से स्टार्टअप की योजनाओं तक पहुंचा योगी का बजट, धार्मिक पर्यटन से बढ़ा सरकार का गौरव
उत्तर प्रदेश सरकार (UP budget 2023) कल अपना बजट पेश करेगी. ऐसे में बीत वित्तीय वर्ष से बजट की तुलना लाजमी है. बताया जा रहा है कि पिछले साल के बजट के मुकाबले इस बार के बजट में कई आश्चर्यजनक प्रावधान किए गए हैं. ऐसे में यूपी को विकास के साथ धार्मिक दृष्टिकोण से देखने वालों की उम्मीदें कुछ ज्यादा ही हैं.
नई योजनाओं के लिए 14 हजार 341 करोड़ रुपये का प्रविधान था. बजट में धार्मिक कार्यों के लिए ज्यादा पैसा आवंटन किया गया था. कुंभ के लिए 1500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. धर्मार्थ कार्य के लिए कैलाश मानसरोवर भवन और गाजियाबाद में इस भवन के निर्माण के लिए 94.26 करोड़ आवंटित किया गया था. ब्रज तीर्थ विकास परिषद के लिए 100 करोड़ रुपये का आवंटन. अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 2757 करोड़ रुपये खर्च किए थे. मदरसा अनुदान के मद में सरकार ने रखे 215 करोड़ रुपये. अरबी फारसी मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए योगी ने रखे 404 करोड़ रुपये. अरबिया फारसी पाठशालाओं के लिए 486 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे.
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लिए 650 करोड़ रूपए रखे थे.गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए 550 करोड़ रुपये और पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिए 1000 करोड़ आवंटित किए गए थे. शिक्षा के क्षेत्र में सर्व शिक्षा मिशन को 18167 करोड़ रुपये का बजट आवंटन हुआ था. माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिए 480 करोड़ रुपये दिए गए थे. दीनदयाल राजकीय मॉडल विद्यालय के लिए 26 करोड़ रुपये. राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के लिए 167 करोड़. अहिल्याबाई निःशुल्क शिक्षा योजना को 21 करोड़ रुपये आवंटित किया गया था. मेडिकल कॉलेजों के लिए 126 करोड़ रुपये दिए गए. ग्रेटर नोएडा एम्स को MBBS की 100 सीटें एलॉट की गईं.
यूपी में सड़क निर्माण को 11343 करोड़ का बजट आवंटन था. पुलों के लिए 1817 करोड़ का बजट. बुंदेलखंड को सड़क के लिए 200 करोड़. सरयू नगर परियोजना को 150 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. बजट भाषण में कहा गया था कि किसानों की आय दोगुनी करेगी सरकार. किसानों को खाद के लिए 100 करोड़ रुपए. 2022 में वाराणसी में फुट स्ट्रीट, रोपवे व मेट्रो के निर्माण का प्रावधान और बजट रखा गया था. पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की स्मृति में बाबूजी कल्याण योजना एक नई योजना व बजट रखा गया था. महर्षि बाल्मीकि के स्थान चित्रकूट को,तुलसीदास की भूमि राजापुर सहित अन्य को विकास के लिए बजट में स्थान दिया था. महाविद्यालय में स्मार्ट क्लासेज की व्यवस्था के लिए बजट में प्रावधान किया था.
ग्रामीण क्षेत्रों में मिनी स्टेडियम के लिए बजट में स्थान दिया गया था. पहले कार्यकाल में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना अच्छा कार्य हुए. उसके लिए भी बजट में प्रावधान किया गया. विकलांग कल्याण के लिए पेंशन का विशेष स्थान दिया गया. प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के साथ शहरी क्षेत्र में खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए बजट में स्थान दिया. लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देने के लिए भी बजट में प्रविधान था. युवाओं को स्वयं का स्टार्टअप शुरू करने के लिए बजट में प्रावधान था. इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक्सप्रेस वे पर औद्योगिक गलियारों के विकास के लिए बजट का प्रावधान रखा गया था. बुंदेलखंड में जनरल विपिन रावत डिफेंस कॉरिडोर के लिए व्यवस्था की गई थी. जल जीवन मिशन ने हर घर नल योजना ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्र में लागू हो इसकी कार्ययोजना है, पहले चरण में बुंदेलखंड व विंध्य क्षेत्र में योजना जारी है. महिला पुलिस बटालियन के गठन व विकास के लिए बजट का प्रावधान किया गया था. प्रदेश के 8 मंडल में एंटी करप्शन यूनिट की स्थापना की व्यवस्था की गई थी.
पिछले पांच बजट को लेकर भारत को वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक और पत्रकार उमाशंकर दुबे ने बताया कि सत्य है कि पहले बजट में उत्तर प्रदेश सरकार के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का वित्तपोषण महत्वपूर्ण बिंदु था. पूरा हो चुका है तो सरकार युवाओं के रोजगार के लिए अब स्टार्ट अप जैसी योजनाओं को बढ़ावा दे रही है. इन सारे बजट में धार्मिक पर्यटन सबसे महत्वपूर्ण बिंदु रहा है. प्रदेश की जनता इसको स्वीकार कर रही है. उम्मीद करते हैं कि 2023 के बजट में भी धार्मिक पर्यटन को महत्व देते हुए सरकार बड़ी घोषणाएं करेगी.