लखनऊ: यूपी बोर्ड हाईस्कूल इंटरमीडिएट 2024 की परीक्षा के लिए केन्द्रों (UP Board Examination 2024 center) के निर्धारिण गाइडलाइन जारी कर दी गई है. इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों व जिला विद्यालय निरीक्षकों को यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने पत्र जारी किया है. सचिव परिषद ने बताया कि वर्ष 2024 की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया से परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण किया जायेगा. इसके लिए केन्द्र निर्धारण नीति मानक व निर्धारित किया गया है.
इसी के अनुसार केन्द्रों का निर्धारण किया जायेगा. बता दें कि सत्र 2024 की परीक्षा के लिए केन्द्रों के निर्धारण को लेकर अभी तक निजी व सरकारी सभी इंटर कॉलेजों की ओर से माध्यामिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर संपूर्ण ब्योरा अपलोड कराया गया है. इसी ब्योरे के आधार पर जिले स्तर पर जिलाधिकारियों की निगरानी में डीआईओएस को कॉलेजों का भौतिक सत्यापन कराये जाने का आदेश दिया गया है. भौतिक सत्यापन के बाद ही कॉलेजों को केन्द्र बनाया जायेगा.
अपलोड करनी होगी सत्यापन रिपोर्ट:सचिव ने बताया कि परिषद की वेबसाइट पर अपलोड की गयी आधारभूत सुविधाओं का भौतिक सत्यापन सम्बन्धित जिलाधिकारी द्वारा गठित टीम के माध्यम से कराया जायेगा. भौतिक सत्यापनोपरान्त विद्यालय की आधारभूत सूचनाओं को जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से परिषद की वेबसाइट upmsp.edu.in पर ऑनलाइन अपलोड कर अपडेट कराया जायेगा.
इस बार काम चलाऊ कैमरे नहीं होंगे मान्य, इंटरनेट जरूरी: जिन विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र निर्धारित किया जाए, उनमें प्रवेश द्वार सहित प्रत्येक परीक्षा कक्ष, प्रश्नपत्रों एवं उत्तर पुस्तिकाओं के रखने के स्ट्रांग रूम एवं उनके सीलिंग, पैकिंग रूम में वायस रिकार्डर युक्त सीसीटीवी कैमरा व रिकार्डिंग के लिए डीवीआर होना जरूरी है. इसके साथ ही पारदर्शितापूर्ण नकल विहीन परीक्षा कराये जाने एवं उसकी वेबकास्टिंग द्वारा मॉनीटरिंग किये जाने के उद्देश्य से वायस रिकार्डर युक्त दोनों ओर सीसीटीवी कैमरे के डीवीआर के साथ राऊटर डिवाइस व हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्शन लगा होना जरूरी होगा. इसके साथ ही 30 दिनों तक वीडियो रिकार्डिंग रखना अनिवार्य होगा.
ये भी पूरे करने होंगे मानक:
- डबल लॉक अलमारी में रखने होंगे प्रश्नपत्र
- केन्द्रों पर सुरक्षा के इंतजाम होंगे लोहे का गेट अनिवार्य
- परीक्षा कक्षों की खिड़कियों में लोहे की जाली व पल्ले जरूरी
- विद्यालय में अग्निशमन यंत्र होंगे जरूरी
- शुद्ध पेयजल की समुचित व्यवस्था
- लड़का-लड़की का अलग-अलग शौचालय होना जरूरी