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राम काज कीन्हे बिना मोहि कहां विश्राम... कह कर प्रधानमंत्री ने भरा जोश, यूपी और योगी को दिया संदेश

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Published : Apr 6, 2023, 12:55 PM IST

भाजपा के स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामचरित मानस की चौपाई राम काज कीन्हे बिना मोहि कहां विश्राम..सुनाकर वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार कर दी है. कार्यकर्ताओं को बजरंगबली की संज्ञा से नवाज कर प्रधानमंत्री ने उनमें जोश तो भरा ही साथ ही उनकी जिम्मेदारी भी तय कर दी है.

राम काज कीन्हे बिना मोहि कहां विश्राम...
राम काज कीन्हे बिना मोहि कहां विश्राम...

राम काज कीन्हे बिना मोहि कहां विश्राम...

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को बजरंगबली की संज्ञा देकर जोश भरा. बोले कि राम काज कीन्हे बिना मोहि कहां विश्राम.. इसके साथ ही उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूमिका को और अधिक बढ़ा दिया है. प्रधानमंत्री के बयान के बाद यह तय हो गया है कि वर्ष 2024 लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ा एजेंडा भगवान राम ही होंगे. जिसके ब्रांड एंबेसडर के तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सामने होंगे. लोकसभा में सबसे अधिक सीटों वाला उत्तर प्रदेश इस भूमिका का केंद्र बिंदु बनेगा. जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी के सभी बड़े नेता एकमत और सहमत नजर आ रहे हैं.

राम काज कीन्हे बिना मोहि कहां विश्राम...
भारतीय जनता पार्टी लंबे समय से रामभक्ति की राजनीति करती आ रही है. वर्ष 1990 से आज तक जितनी बार भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी उसके पीछे कहीं ना कहीं राम मंदिर आंदोलन का मुद्दा बना रहा. भाजपा की ऊंचाई पर पहुंचने के पीछे सबसे बड़ी भूमिका राम मंदिर आंदोलन की रही है. वर्ष 2024 लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर का लोकार्पण हो जाएगा. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से स्थापना दिवस के मौके पर भाजपा के कार्यकर्ताओं को बजरंगबली कहा और कहा कि उनका यही लक्ष्य होना चाहिए कि राम काज कीन्हें बिना मोहि कहां विश्राम... की तर्ज में जुटना है. इससे कम से कम यह तो तय हो गया है कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में खुद प्रधानमंत्री राम मंदिर निर्माण को सबसे बड़ा मुद्दा मान रहे हैं. जिसकी केंद्र बिंदु में भगवान राम रहेंगे और प्रचार कहीं ना कहीं इसी बिंदु पर नजर आएगा.गृह मंत्री अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि जो लोग कभी पूछा करते थे कि राम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे.. मगर तारीख नहीं बताएंगे. उनके लिए यही जवाब है कि हम जनवरी 2024 में मंदिर का लोकार्पण कर देंगे. ऐसे में वर्ष 2024 का चुनाव राममय होगा और भारतीय जनता पार्टी चाहेगी कि उनके विपक्षी कहीं ना कहीं आकर राम मंदिर की आलोचना करें ताकि भाजपा उनको राम विरोधी साबित कर सकें. लखनऊ में स्थापना दिवस समारोह के दौरान भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी कहा कि जैसा कि प्रधानमंत्री ने हम सब को बजरंगबली कहा है तो हम उसी दिशा में आगे बढ़ेंगे.

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