लखनऊ : उत्तर प्रदेश भाजपा में लंबे इंतजार के बाद पिछले दिनों जिला अध्यक्षों के नामों की घोषणा की गई. अब इंतजार है संगठन के अन्य पदों के लिए नामों की घोषणा होने की. अगले वर्ष के आरंभ में लोकसभा के चुनाव प्रस्तावित हैं. यही कारण है कि भाजपा का प्रदेश संगठन फूंक-फूंककर कदम रख रहा है और कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाना चाहता, जिसकी वजह से आंतरिक राजनीति तेज हो या भितरघात की आशंका पैदा हो. गौरतलब है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी अपनी नियुक्त के एक साल बाद जिलाध्यक्षों की घोषणा कर पाए हैं. इसे लेकर भाजपा की काफी किरकिरी भी हो रही थी. अब उम्मीद जताई जा रही है कि नवरात्र के आसपास संगठन के अन्य नाम की घोषणा भी की जा सकती है.
नवरात्र के दौरान भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए प्रभारी भी घोषित कर सकती है. इसलिए इस बड़े परिवर्तन को देखते हुए भाजपा को अपने संगठन की ओवरहालिंग इससे पहले ही करनी होगी. सभी क्षेत्रों में जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र अध्यक्ष अपने महामंत्री व अन्य पदाधिकारी के नाम सुझाएंगे. जिसको लेकर प्रदेश नेतृत्व अपनी मुहर लगाएगा. मोर्चों में भी बड़े परिवर्तन होंगे. लगभग सभी मोर्चे में अध्यक्ष बदले जा सकते हैं, जिसके बाद नीचे की पूरी कार्यकारिणी को परिवर्तित किया जा सकता है. कई मोर्चों में अध्यक्ष दूसरे महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. ऐसे में नए समीकरणों को ध्यान में रखते हुए मोर्चा अध्यक्ष पर भी बदलाव होंगे.