यूपी के दागी माननीय : भाजपा के भी चार विधायकों और एक सांसद की गई सदस्यता - यूपी के दागी माननीय
उत्तर प्रदेश में तमाम आपराधिक व अन्य तरह के मामलों में कई माननीय (सांसद-विधायक) जेल की हवा खा चुके हैं. इससे उनकी सदस्यता भी जा चुकी है. इनमें समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस के साथ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के नाम भी शामिल हैं.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में जुर्म की काली छाया से घिरे भारतीय जनता पार्टी के बीच पांच जनप्रतिनिधियों की सदस्यता जा चुकी है. जिसमें सबसे मशहूर नाम जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हुई वह कुलदीप सिंह सेंगर थे. बांगरमऊ उन्नाव से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर बलात्कार के दोषी सिद्ध हुए थे. जिसकी चर्चा पूरे देश में हुई थी. खब्बू तिवारी फ़र्ज़ी मार्कशीट के मामले सदस्यता गंवा चुके थे. विक्रम सिंह सैनी खतौली से विधायक थे और मुजफ्फरनगर दंगे में आरोप सिद्ध हुए तो उनको विधायकी गंवानी पड़ी .हमीरपुर से सांसद रहे अशोक चंदेल को 25 साल पुराने हत्याकांड के मामले में दूसरी पाए जाने पर अपनी सांसदी गंवानी पड़ी थी.
उत्तर प्रदेश में भाजपा की राजनीत करने के दागी जनप्रतिनिधि
रामदुलार गोंड को 25 वर्ष की कैद :सोनभद्र में दुद्धी विधायक रामदुलार गोंड द्वारा दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश ने सजा सुनाई है. कोर्ट ने 25 वर्ष कैद की सजा सुनाई. 10 लाख का जुर्माना लगाया है. इससे पहले अनेक मामलों में जनप्रतिनिधि सजा पा चुके हैं और उनकी सदस्यता चली गई है. इसमें भारतीय जनता पार्टी भी पीछे नहीं है. भाजपा के विधायक और सांसद भी अलग-अलग आरोपों में दोषी सिद्ध हुए हैं और जेल गए हैं. जिससे उनका पद भी छीन लिया गया है. इससे पहले तीन विधायक और एक सांसद को अपना पद गंवाना पड़ा था. जिसमें दुद्धी के विधायक एक नया नाम हैं.
कुलदीप सिंह सिंगर को आजीवन कारावास : कुलदीप सिंह सिंगर का मामला सबसे ज्यादा चर्चित रहा क्योंकि इस मुद्दे पर जमकर राजनीति हुई थी. बांगरमऊ से विधायक रहे कुलदीप सिंह सिंगर को सुप्रीम कोर्ट से सजा हो चुकी है. एक युवती ने उन पर दूराचार का आरोप लगाया था. मुकदमा दर्ज होने के कुछ समय बाद उसके पिता की भी हत्या हो गई थी. इस पूरे मामले में कुलदीप सिंह सिंगर को दोषी मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सजा सुनाई थी. आजीवन कर आवास भुगत रहे सिंगर की सदस्यता चली गई थी.
खब्बू तिवारी फर्जी मार्कशीट के मामले में फंसे :अयोध्या के गोसाईगंज से विधायक रहे खब्बू तिवारी फर्जी मार्कशीट के मामले में फंस गए थे. साकेत कॉलेज की फर्जी मार्केट के मामले में उनको सजा हुई थी और वह दोषी सिद्ध हुए थे. जिससे उनकी विधायकी की चली गई थी.
दंगे में दोषी पाए गए विक्रम सिंह सैनी : मुजफ्फरनगर के खतौली से विधायक रहे विक्रम सिंह सैनी मुजफ्फरनगर दंगे की दोषी पाए गए थे. 2023 में उनकी सदस्यता की जिसके बाद में क्षेत्र में चुनाव में उनकी पत्नी को हर का सामना करना पड़ा था. इस सीट से राष्ट्रीय लोकदल के मदन भैया जीत गए थे.
अशोक सिंह चंदेल हत्याकांड में दोषी : झांसी में सांसद अशोक चंदेल को 25 साल पुराने मामले में सजा हो गई थी. यह हत्याकांड अशोक चंदेल के लिए सदस्यता जाने का सबब बन गया था.
यूपी भाजपा के दागी माननीय :सोनभद्र के दुद्धी विधानसभा से बीजेपी के विधायक रामदुलार गोंड को दुष्कर्म के एक मामले में सजा सुनाई गई है. आने वाले दिनों में विधानसभा से उनकी सदस्यता समाप्त होगी. अब तक जिन नेताओं को सजा हुई है और उनकी सदस्यता समाप्त हुई है. उनमें मुख्य रूप से रामपुर में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान उनके बेटे अब्दुल्ला आजम, दुष्कर्म के मामले में उन्नाव से बीजेपी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, सामूहिक हत्याकांड के मामले में हमीरपुर से विधायक रहे अशोक सिंह चंदेल, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रहे काजी रशीद मसूद जैसे नाम शामिल हैं.
सपा के विधायक व सांंसद भी नपे :धोखाधड़ी के मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व फैजाबाद सीट से सांसद रहे मित्रसेन यादव को भी अपनी सांसदी गंवानी पड़ी थी. उन्हें सात साल की सजा सुनाई गई थी. हालांकि बाद में उनका निधन हो गया था. सुल्तानपुर की गोसाईगंज विधानसभा सीट से भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी फर्जी मार्कशीट मामले में जेल गए और उनकी विधानसभा की सदस्यता चली गई. मुजफ्फरनगर से भाजपा के विधायक विक्रम सिंह सैनी मुजफ्फरनगर दंगे में सजा होने के कारण जेल गए और विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई.
आपराधिक मामलों के दोषी माननीय :आपराधिक मामलों में जिन पूर्व माननीय को सजा हुई है. उनमें मुख्य रूप से माफिया मुख्तार अंसारी, उसके भाई सांसद अफजाल अंसारी, पूर्व सांसद रमाकांत यादव जैसे नेताओं के नाम शामिल हैं. बुंदेलखंड के बसपा के वरिष्ठ नेता रहे पूर्व मंत्री रामेंद्र सिंह उर्फ बादशाह सिंह को विधायक निधि के दुरुपयोग के मामले में सजा सुनाई गई थी. महोबा में सरकारी जमीन पर विधायक निधि से अपने पिता के नाम से डिग्री कॉलेज का निर्माण करने के मामले में बादशाह सिंह सहित चार लोगों को सजा सुनाई गई थी. इसके चलते उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ी थी.