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UP Awadh Festival : अवधी संस्कृति से होंगे रूबरू, अवध महोत्सव का हुआ आगाज - अवध महोत्सव का आयोजन

राजधानी में उ.प्र. पर्यटन विभाग एवं संगीत नाटक अकादमी की ओर से अवध महोत्सव का आयोजन किया गया है. इस दौरान शतरंज, कठपुतली शो व पंतगबाजी की प्रतियोगिताएं हुईं.

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Published : Mar 18, 2023, 11:25 PM IST

Updated : Mar 18, 2023, 11:34 PM IST

लखनऊ : राजधानी में अवधी संस्कृति के दर्शन कराता हुआ शनिवार से अवध महोत्सव धूमधाम से शुरू हुआ. 22 मार्च तक चलने वाले इस महोत्सव में अवधी संस्कृति के विभिन्न पहलुओं से रूबरू होने के मौका मिलेगा. नई पीढ़ी और युवाओं को लिए तो यह एक सुनहरा अवसर है कि वे अपने क्षेत्र की मूल संस्कृति को देख और समझ पाएंगे. पौराणिक काल से जैसे भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा, वृदांवन का क्षेत्र व्रज क्षेत्र कहलाता था, इसी प्रकार से प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या के आसपास का क्षेत्र अवध क्षेत्र कहलाता था. यहां की अपनी बोली-बानी, पहनावा है, खान-पान और संगीत सभी जगहो से निराला है. इसी संस्कृति को दर्शाते हुए अवध महोत्सव का आयोजन उ.प्र. पर्यटन विभाग एवं संगीत नाटक अकादमी की ओर से किया गया है. महोत्सव का न्योता सबको भेजा गया है, आइये, हो सके तो अवधी परिधान में आइए, आपको आपको मंच पर सम्मानित होने का मौका भी मिल सकता है. इस अवसर पर शतरंज, कठपुतली शो व पंतगबाजी की प्रतियोगिताएं हुईं.

अवध महोत्सव का हुआ आगाज
अवध महोत्सव का हुआ आगाज

इससे पहले मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सलाहाकार अवनीश अवस्थी ने दीप प्रज्जवलित कर महोत्सव का उद्घाटन किया. इस अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम, विशेष सचिव, संस्कृति, आनंद कुमार व अकादमी के निदेशक तरूण राज भी उपस्थित थे. सांस्कृतिक संध्या की शुरूआत कानपुर की गायिका डाॅ. मेनका मिश्रा के सुगम गायन हुई. उन्होंने भगवान श्रीराम को नमन करते हुए गाया कि ’ऐसे हैं मेरे राम....गाया. नोएडा की कलाकार माया कुलश्रेष्ठ और उनके साथियों ने नृत्य नाटिका ’कृष्णा एक रक्षक ’ से की. इसके बोल थे ऐरी सखी, कौन है बतलाऊं...इसमें उन्होंने राधा मीरा और द्रोपदी के तीनों के प्रेम को दिखाया. माया ने इसको रचा भी इसकी कोरियोग्राफी की है. इसके बाद लखनऊ के गायक किशोर चतुर्वेदी ने भजन अच्युतम् केशवम्, कृष्ण दामोदरम् से की. इसके बाद उन्होंने अवधी भजन ऐरी सखी मंगल गावरी... गाकर सबको भाव विभोर कर दिया.

अवध महोत्सव का हुआ आगाज
अवध महोत्सव का हुआ आगाज

सबसे अंतिम प्रस्तुति में पद्मश्री उस्ताद अहमद हुसैन व मोहम्मद हुसैन ने गजल प्रस्तुत की. उन्होंने अपने प्रस्तुति की शुरूआत गणेश वंदना से की. इसके बोल थे कि गाइये गणपति जगवंदन... इसके बाद उन्होंने निदा फाजली गजल जानें क्या कहा है आपकी आंखों ने हमसे गाया. इससे पहले सुबह से नादरगंज में पतंगबाजी प्रतियोगिता शुरू हुई. पतंगबाजी प्रतियोगिता का उद्घाटन अकादमी के निदेशक तरूण राज ने किया. यह प्रतियोगिता पूरे महोत्सव की अवधि तक चलेगी. इसका संयोजन राजेश कुमार जायसवाल कर रहे हैं. प्रतियोगिता में 64 टीमें भाग ले रही हैं, प्रतियोगिता की विजेता टीम चार टीमों को क्रमशः 21000, 11000, 7100 व 5100 रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा.

अवध महोत्सव का हुआ आगाज

गोमती नगर स्थित अकादमी परिसर में शतरंज प्रतियोगिता शुरू हुई, इसमें खेल के शौकीन लोगों ने शतरंज की बिसात पर चाले चलीं. अवध महोत्सव में खेली जा रही चेस फॉर एवरीवन फिडे रेटिंग चेस टूर्नामेंट का शुभारम्भ यू पी संगीत नाटक अकादमी के सचिव तरुण राज द्वारा बोर्ड पर पहली चाल के साथ हुआ. उन्होंने खिलाडियों को संबोधित करते हुए जीवन में शतरंज के महत्त्व पर प्रकाश डाला. इस प्रतियोगिता में गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरयाणा और उत्तर प्रदेश के कुल 113 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं.

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Last Updated : Mar 18, 2023, 11:34 PM IST

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