लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नोएडा में धर्मांतरण कराने वाले रैकेट का पर्दाफाश होने के बाद लगातार कई अहम खुलासे हो रहे हैं. पूछताछ में गिरोह के सदस्यों से कई अहम जानकारियां मिल रही हैं. धर्मांतरण में विश्वविद्यालय, मंत्रालय से लेकर एनजीओ तक अब जांच के दायरे में हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि धर्मांतरण का जाल किस कदर तक सरकारी महकमों में फैला हुआ है.
बता दें कि धर्मांतरण मामले में इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद का नाम सामने आया है. मोहम्मद शाहिद पर कानपुर की एक युवती ऋचा देवी का जबरन धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगा है. इसको लेकर यूपी एटीएस की टीम उनसे पूछताछ करती, उससे पहले की मोहम्मद शाहिद घर पर ताला लगाकर परिवार सहित फरार हो गए हैं. वहीं अब धर्मांतरण के तार केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से जुड़ गए हैं. धर्मांतरण मामले में हिन्दू से मुस्लिम बने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक अफसर की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. यूपी एटीएस की टीम इस अफसर से पूछताछ कर रही है.
राज्य संरक्षण बाल आयोग सतर्क
धर्मांतरण मामले में हिन्दू से मुस्लिम बने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के इस अफसर की भूमिका सामने आने के बाद UP सरकार की योजना में धर्म परिवर्तन के सिंडिकेट की घुसपैठ का शक गहरा गया है. एहतियातन, राज्य संरक्षण बाल आयोग सतर्क हो गया है. बाल आयोग ने उत्तर प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर कहा है कि अपने जिलों में संचालित अनाथ और बेसहारा बच्चों को पढ़ाने या उन्हें संरक्षण देने वाली सभी संस्थाओं की सूची तैयार करें. इनके कर्मचारियों का नाम, पता और मोबाइल नंबर भी सूची में दर्ज करें. सरकार के निर्देश पर योजना का लाभ देने के लिए जिन बच्चों को चिन्हित किया जा चुका है. उनके अभिभावकों से लगातार संपर्क में रहकर बच्चों से बातचीत करते रहें, जो बच्चे अभी चिन्हित नहीं हो सके हैं, उनका जल्दी से जल्दी पता लगाएं.
शक की यह है वजह
उत्तर प्रदेश की सरकारी योजना में धर्मांतरण सिंडिकेट की घुसपैठ करने का शक इसलिए भी गहरा गया है, क्योंकि योगी सरकार की तरफ से कोरोना काल में बेसहारा हुए बच्चों को संरक्षण देने की योजना शुरू की गई है. बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि कोविड-19 महामारी के बीच अनाथ अथवा निराश्रित हुए बच्चों की जिम्मेदारी हमारी सरकार उठाएगी. ये बच्चे राज्य की संपत्ति हैं. कोविड के कारण जिन बच्चों के माता-पिता का देहांत हो गया है, उनके भरण-पोषण सहित सभी तरह की जिम्मेदारी राज्य सरकार द्वारा मुहैया कराई जाएगी. इसके लिए सीएम योगी ने महिला एवं बाल विकास विभाग को इस संबंध में तत्काल विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए थे.