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संदिग्ध आतंकी की डायरी से मिला सीक्रेट कोड, जानिए "उड़न तश्तरी" कोड का मतलब - up ats

यूपी में आतंकी साजिश की फिराक में लखनऊ (Lucknow) से पकड़े गए अल-कायदा के आतंकियों ( Al Qaeda Terrorist) को लेकर जांच जारी है. यूपी एटीएस (UP ATS) को आतंकी मिन्हाज अहमद के पास से मिली काली डायरी (Black Diary) में कई सीक्रेट कोड (Secret Code) मिले हैं. हमले में इस्तेमाल की जाने वाली चीजों जैसे प्रेशर कुकर बम, ई रिक्शा, पिस्टल और प्लानिंग के कई शब्दों को सीक्रेट कोड दिया गया था.

Black Diary
ब्लैक डायरी

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Published : Jul 19, 2021, 5:02 AM IST

Updated : Jul 20, 2021, 2:50 AM IST

लखनऊ : यूपी दहलाने के फिराक में अल-कायदा के आतंकियों की साजिश बेनकाब हो गई है. आतंक का बीज पाकिस्तान के पेशावर में बैठे आतंकियों ने रखी थी. यूपी एटीएस को संदिग्ध आतंकी मिन्हाज अहमद के पास "BLACK DYIRY" मिली है, जिसमें आतंक के सीक्रेट कोड का खुलासा हुआ है. ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के अफसरों की मानें तो "ब्लैक डायरी" के हर पन्ने पर अलग-अलग सीक्रेट कोड वर्ड लिखे हैं. सीक्रेट कोड वर्ड के बारे में ATS के अफसर आरोपी मिनहाज से गहराई से पूछताछ कर रहे हैं.

मिन्हाज अहमद

हमले में इस्तेमाल की जाने वाली चीजों जैसे प्रेशर कुकर बम, ई-रिक्शा, पिस्टल और प्लानिंग के कई शब्दों को सीक्रेट कोड दिया गया था. डायरी के अंदर कई उर्दू शब्द भी अलग-अलग पन्नों पर लिखे हुए हैं, जिसमें या खुदा, मिशन और अल्लाह जैसे शब्द हैं. डायरी में आतंकियों की प्लानिंग के कई राज सामने आए हैं. आतंकी कश्मीर या देश के बाहर फोन पर बात करते वक्त ग्रुप को फ्लाइट के नाम से पुकारते थे. आतंकी कहते थे कि "पहली फ्लाइट", "दूसरी फ्लाइट" जा चुकी ह. "पहली फ्लाइट" चली गई है, मतलब पहली टीम घर से बाहर निकल गई है. "दूसरी फ्लाइट" यानी दूसरी टीम निकल गई है. यूपी एटीएस ने एक और कोड ब्रेक किया है. जिसमें कहा गया है कि दोस्त आ रहे हैं गोश्त पकाओ. इसका मतलब तौहीद और मूसा लखनऊ आने वाले थे.

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यूपी एटीएस को "BLACK DYIRY" से मिली जानकारी में पता चला है कि अलग-अलग चीजों के अलग-अलग कोड वर्ड रखे थे. डायरी में लिखा मिला- खटमलों को शीरमाल और कबाब खिलाने हैं, जिसका मतलब कोई बड़ा हमला करना है, विस्फोट के रूप में. डायरी में ये मैसेज दो बार लिखा हुआ था, जिसका मतलब माना जा रहा है कि ये संदेश दो बार मिनहाज को मिला होगा, यही नहीं आतंकी बिना रजिस्ट्रेशन के ई-रिक्शा ढूंढने के लिए ‘सवारी वाला काम’ कोड वर्ड का इस्तेमाल कर रहे थे. प्रेशर कुकर बम, हथियार जैसी चीज़ों को रखने के लिए लाइब्रेरी, कूड़ेदान या रैक शब्दों का प्रयोग किया जाता था, जिसका डायरी में जिक्र है. इसके साथ बकरीद से पहले ब्लास्ट करने की योजना के लिए कुर्बानी शब्द का कोड वर्ड डायरी में लिखा हुआ है.

सीक्रेट कोड

  • मिन्हाज अहमद के घर से बरामद हुई पिस्टल का कोड था, "3 नंबर की किताब"
  • इसके साथ ही प्रेशर कुकर बम का कोड वर्ड था, "9 नंबर की किताब"
  • काली डायरी में टाइम बम को "पटाखा", सुतली से बनाए जाने वाले देसी बम को "रस्सी" कोड वर्ड में लिखा हुआ है.
  • ई-रिक्शा को कोड वर्ड में "उड़न तश्तरी" लिखा गया है.
  • बकरीद से पहले ब्लास्ट करने के लिए कोड था, "कुर्बानी".
  • किताब पढ़ ली है यानी "रेकी" कर ली है.
  • किताब में 7 पेज है, यानी 7 जगह वारदात को अंजाम दिया जा सकता है.
  • किताब छप गई है यानी "बम" बन गया है.
  • किताब पहुंचा दी है यानी "हमला" करने वाला सामान जगह पर रख दिया है.

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Last Updated : Jul 20, 2021, 2:50 AM IST

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