लखनऊ: हौसला हो तो पहाड़ों से उंची कठिनाइयां बौनी नजर आती हैं. यह सच कर दिखाया है उत्तर प्रदेश एटीएस (Uttar Pradesh ATS) में तैनात जवान आशीष दीक्षित ने. आशीष ने देश का शीष दुनिया के सामने गर्व से ऊंचा कर दिया है. आशीष ने स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ (75th anniversary of independence day) के अवसर पर यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस (Mount Elbrus) को फतह कर भारत का तिरंगा लहराया. आशीष 2 दिन पूर्व ही अपने अभियान को पूरा कर वतन लौटे हैं. हालांकि, जवान ने किसी से विशेष सहायता नहीं ली. आशीष ने एलान किया है कि वे 26 जनवरी को अमेरिका की सबसे ऊंची पहाड़ी पर तिरंगा लहराएंगे.
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आशीष यूपी एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (Anti Terrorist Squad आतंकवाद निरोधक दस्ते) में बतौर कमांडो ट्रेनर तैनात हैं. आशीष उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिला स्थित ग्राम कर्मी बिझाला मऊ के रहने वाले हैं. उनकी माता का नाम सुमन दीक्षित और पिता का नाम स्वर्गीय अवधेश दीक्षित है.आशीष ने यूरोप की सबसे ऊंची पर्वत चोटी एल्ब्रुस (5692 मीटर) को फतह कर उस पर तिरंगे के साथ-साथ यूपी पुलिस का ध्वज लहराया है. कमांडो आशीष दीक्षित बताते हैं कि उन्होंने 11 अगस्त को एल्ब्रुस फहत के लिए चढ़ाई शुरू की थी. तेज हवाओं और माइनस तापमान में कठोर चढ़ाई चढ़ते हुए 15 अगस्त को एल्ब्रुस की चोटी पर पहुंच गए. उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर यूरोप की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहरा दिया था.
यूपी एटीएस के पर्वतारोही आशीष दीक्षित से बातचीत. एनसीसी के दौरान उन्होंने माउंटेन ट्रैकिंग का प्रशिक्षण लिया था. उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में गणतंत्र दिवस के अवसर पर दक्षिण अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो, तंजानिया पर तिरंगा और पुलिस ध्वज फहराया था. आशीष ने सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर में भारतीय चोटियों पर पर्वतारोहण की शुरुआत की थी.
यूपी एटीएस के पर्वतारोही आशीष दीक्षित ने किलिमंजारो पर फहराया था तिरंगा . आशीष बताते हैं कि उन्होंने साल 2015 में उत्तर प्रदेश पुलिस ज्वाइन की. बताया कि उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस की cross-country टीम में डेढ़ साल तक रहा. इसके बाद फिर मैंने एटीएस ज्वाइन की, जहां उन्हें पर्वतारोही के लिए बेहतर ट्रेनिंग मिली. आशीष बताते हैं कि एटीएस में भर्ती होने से पहले वो एनसीसी करते थे. इस दौरान उन्हें कई एडवेंचर कैंपों में जाने का मौका मिला, जिसके बाद पर्वतारोहण के प्रति उनका काफी रुझान हुआ. पर्वतारोहण (mountaineering) के लिए सबसे बड़ी जरूरत धन की होती है. पहाड़ की पीक की हाइट और दिन के हिसाब से इस मुकाम को हासिल करने का खर्च आता है. जब आप पर्वतारोहण करते हैं तो परमिट फीस, उपकरणों का खर्च, विदेश जाने पर वीजा, फ्लाइट का खर्च आता है. उन्हें एटीएस विभाग का पूरा सहयोग मिला. यूरोप की पहाड़ी को फतह करने पर बताते हैं कि करीब 3 लाख रुपये का खर्च आया. वे बताते हैं कि जब हम विदेश यात्रा पर जाते हैं तो हम भारत को रिप्रेजेंट करते हैं. हमको छोटी छोटी सी बात का ध्यान रखना पड़ता है. कहीं ऐसा न हो हमारी जरा सी गलती देश का नाम खराब न कर दे.
यूपी एटीएस के पर्वतारोही आशीष दीक्षित को किया गया सम्मानित. आशीष बताते हैं कि वर्ष 2018 में जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग (Jawahar Institute of Mountaineering and Winter Sports) पहलगाम जम्मू कश्मीर में एडवेंचर कोर्स किया था. उन्होंने वर्ष 2019 में ही बेसिक पर्वतारोहण की कोशिश की थी. 2021 में हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल से एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स किया था. हिमालयन रेंज में आशीष ने वर्ष जुलाई 2019 में लद्दाख स्थित माउंट स्टोक कांगड़ी (6153 मीटर) को फतह किया. वर्ष 2021 अप्रैल में पश्चिम सिक्किम स्थित माउंट पालुन्ग (18000 फीट) को फतह किया. वर्ष 2021 जुलाई को हिमाचल प्रदेश स्थित माउंट यूनम (6111मीटर) को फतह किया. वर्ष 2019 अगस्त जम्मू कश्मीर स्थित माउंट मचौई चोटी (5458 मीटर) पर तिरंगा लहराया. आशीष बताते हैं कि 26 जनवरी 2020 को अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी तंजानिया स्थित माउंट किलिमंजारो जो कि अंतरराष्ट्रीय पर्वत चोटी है पर तिरंगा लहराया. 26 जनवरी 2022 को दक्षिण अमेरिका की माउंट एकन्गवा (6960 मीटर) की चोटी पर तिरंगा लहराएंगे.