लखनऊ: दिल्ली से आतंकवादी मुस्तकीम की गिरफ्तारी के बाद एटीएस पूरे उत्तर प्रदेश में सक्रिय हो गई है. एटीएस टीम जहां एक ओर टेक्नोलॉजी की मदद से संदिग्धों की पहचान करने में जुटी है. वहीं दूसरी ओर एटीएस ने अपने मुखबिर तंत्र को सक्रिय कर दिया है. बीते दिनों मिलिट्री इंटेलिजेंस से मिले इनपुट पर एटीएस ने गोरखपुर में एक संदिग्ध मोहम्मद आरिफ को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी.
लखनऊ: आतंकी मुस्तकीम की गिरफ्तारी के बाद यूपी एटीएस सक्रिय
दिल्ली से आतंकवादी मुस्तकीम की गिरफ्तारी के बाद एटीएस पूरे उत्तर प्रदेश में सक्रिय हो गई है. एटीएस ने अपने मुखबिर तंत्र को सक्रिय कर दिया है.
मिलिट्री इंटेलिजेंस ने इनपुट उपलब्ध कराए थे कि मोहम्मद आरिफ पाकिस्तान में कुछ आतंकियों के संपर्क में है, जिसके बाद एटीएस ने पूछताछ की थी. हालांकि सबूत न मिलने के चलते आरिफ को गिरफ्तार नहीं किया गया. इसी के साथ एटीएस की पड़ताल में मुस्तकीन उर्फ अबू युसूफ के 7 सदस्यों के बारे में जानकारी मिली है. सीडीआर की मदद से एटीएस ने पता लगाया है कि मुस्तकीम सबसे ज्यादा फ़ोन 7 नंबरों पर कनेक्ट था. ऐसे में इन 7 नंबरों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. वहीं एटीएस की पड़ताल में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि मुस्तकीम सीमा पार बैठे आतंकियों से कॉलिंग एप व सोशल मीडिया की मदद से बातचीत करता था. मुस्तकीन उर्फ अबू युसूफ दिल्ली और यूपी में कई जगह आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की तैयारी में था.
मिली जानकारी के मुताबिक गोरखपुर से हिरासत में लिए गए 51 वर्षीय आरिफ का पाकिस्तान आना-जाना था. वर्ष 2014-18 के बीच आरिफ कई बार पाकिस्तान गया है. आतंकवादियों ने हनीट्रैप की मदद से आरिफ को अपने जाल में फंसाया और इसके बाद आरिफ आईएसआई के लिए जासूसी करने लगा. एटीएस के सूत्रों के अनुसार आरिफ ने एटीएस की पूछताछ में एयरफोर्स स्टेशन, गोरखा रेजीमेंट, बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन की फोटो आतंकवादियों को भेजी थी.