हैदराबाद :भारतीय जनता पार्टी में इन दिनों टिकट को लेकर अफरातफरी मची हुई है. भाजपा के संघीय ढांचे और टिकट को लेकर कई स्तरों पर गुप्त सर्वे रिपोर्ट आने के बाद दर्जनों विधायकों का इस बार टिकट कट सकता है. इसे लेकर अब कई वरिष्ठ भाजपा विधायकों और इनके सरपस्त नेताओं में भगदड़ मची हुई है. स्वामी प्रसाद मौर्य का ऐन चुनाव के पूर्व भाजपा से इस्तीफा देना और पाला बदलकर समाजवादी पार्टी को ज्वाइन करना भी इसी भगदड़ की एक कड़ी के रूप में देखा जा रहा है.
बताया जाता है कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व आज-कल में ही यूपी के दो चरणों के 140 सीटों पर टिकटों का बंटवारा फाइनल कर सकता है. इस क्रम में सोमवार को लखनऊ में और मंगलवार को दिल्ली के भाजपा कार्यालय में भाजपा की राज्य और केंद्रीय चुनाव कमेटियों की बैठकों का दौर शुरू हो गया. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने खुद ट्वीट कर इसकी पुष्टि की.
बताया कि उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव (UP Election 2022) के पहले चरण के लिए पार्टी के संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की गई. अब दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में यूपी कोर ग्रुप के नेताओं की बैठक केंद्रीय नेताओं के साथ शुरू कर दी गई है. आने वाले दिनों में विभिन्न चरणों की बैठक में प्रदेश की सभी 403 सीटों में से सौ से अधिक सीटों पर फेरबदल या इनके कटने की आशंका व्यक्त की जा रही है.
पहले और दूसरे चरण के लिए 140 सीटों पर होगा मंथन
पार्टी सूत्रों के अनुसार दिल्ली में चल रही बैठक में फिलहाल पहले और दूसरे चरण की लगभग 140 सीटों पर चर्चा होने की संभावना है. इस दौरान यूपी में बीजेपी के बड़े नेताओं के भी चुनाव लड़ने पर चर्चा होगी. सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम के चुनाव लड़ने या न लड़ने पर चर्चा की जाएगी. अगर योगी और मौर्या के चुनाव लड़ने पर सहमति बनती है तो उन्हें किस सीट से लड़ाना है. इस पर भी विचार किया जाएगा.
गौरतलब है कि हाल ही में यूपी बीजेपी चुनाव समिति का गठन किया गया. इस चुनाव समिति में स्वतंत्र देव सिंह, योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य, सुनील बंसल और दिनेश शर्मा समेत कुल 24 सदस्यों को शामिल किया गया है. यही टीम टिकट बंटवारे में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.
नए साल के साथ ही शुरू हो गया था आंतरिक सर्वे
गौरतलब है कि हर विधानसभा और लोकसभा चुनाव के पूर्व भाजपा की केंद्रीय समितियां कई स्तरों पर विधायकों और सांसदों के कामकाज को लेकर जनता से फीडबैक लेती हैं. यह फीडबैक एक तरह का सर्वे होता है जो कई स्तरों पर लिया जाता है.
इस बार भी नए साल के पहले सप्ताह से ही भाजपा ने अपने परंपरागत आंतरिक सर्वे को शुरू कर दिया. हालांकि इसके पूर्व भी कई सर्वे किए गए थे पर इस सर्वे को फाइनल सर्वे माना गया है. जानकारी के मुताबिक प्रदेश से लेकर क्षेत्रीय स्तर और विधानसभाओं तक दूसरे प्रदेशों के 806 दिग्गज पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गयी है. इन पदाधिकारियों को पार्टी ने सभी 403 विधानसभा सीटों पर तैनात किया है.
पिछले एक सप्ताह में जनता के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं की राय लेकर आला नेतृत्व को इसकी रिपोर्ट भेजी भी जा चुकी है. उत्तर प्रदेश के अन्य क्षेत्रों जैसे पूर्वांचल, बुंदेलखंड और अवध आदि क्षेत्रों में भी इस सर्वे का काम लगभग पूरा हो चुका है. इस सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही भाजपा चुनाव समिति ने टिकटों के बंटवारे के लिए मंथन शुरू कर दिया है.