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चुनाव में भागीदारी संकल्प मोर्चा 'किंगमेकर', ओवैसी के साथ मिलकर बनाएंगे सरकार: राजभर

2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ रहे सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर 2022 के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के साथ मिलकर ताल ठोकने की तैयारी में हैं. इसके लिए उन्होंने 'भागीदारी संकल्प मोर्चा' का गठन किया है. वह अन्य दलों को भी इस मोर्चे के साथ आने का न्योता दे रहे हैं. चुनाव में 'भागीदारी संकल्प मोर्चा' क्या भूमिका अदा करेगा, इसके बारे में ईटीवी भारत के साथ बातचीत में उन्होंने विस्तार से बताया...

सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत.
सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत.

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Published : Jul 8, 2021, 4:41 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं. एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की गुरुवार को राजधानी लखनऊ में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व 'भागीदारी संकल्प मोर्चे' का नेतृत्व कर रहे ओमप्रकाश राजभर से मुलाकात हुई. दोनों के बीच गठबंधन को लेकर लंबी बातचीत हुई.

सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत.

ईटीवी भारत ने सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर (Former Minister Om Prakash Rajbhar) से खास बातचीत की. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए छोटे दलों को मिलाकर बनाया गया 'भागीदारी संकल्प मोर्चा' (Bhagidari Sankalp Morcha) किंग मेकर की भूमिका में होगा. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के साथ उनका जो गठबंधन हो रहा है, वह विधानसभा चुनाव में सरकार बनाने वाला होगा.

गठबंधन और संगठन मजबूत करने पर हुई बातचीत
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व भागीदारी मोर्चा के संयोजक ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने कहा कि ओवैसी के साथ आज हमारी बातचीत 'भागीदारी संकल्प मोर्चा' (Bhagidari Sankalp Morcha) के साथ जो दल जुड़े हैं, उनका संगठन कहां कमजोर है और कहां उसे मजबूत किया जाना है, उसको कैसे ठीक किया जाए, उस पर हुई है. ओवैसी ने कहा है कि उनकी उपयोगिता किन-किन क्षेत्रों में कहां-कहां हो सकती है, आप उसका कार्यक्रम लगाइये. वह साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं. जहां-जहां जिन-जिन नेताओं के कार्यक्रम की जरूरत हो, हम सब लोग मिलकर संयुक्त रूप से भी कार्यक्रम करेंगे. इसके अलावा अन्य दलों के 'भागीदारी संकल्प मोर्चे' में शामिल होने को लेकर भी बातचीत हुई है. जो लोग हमारे साथ आना चाहते हैं, उनका हमारे मोर्चे में स्वागत है.

अभी सीटों के बंटवारे पर कोई बातचीत नहीं
ओवैसी की पार्टी के साथ गठबंधन के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar And Asaduddin Owaisi) ने कहा कि सीटों के बंटवारे को लेकर अभी हमारी कोई बातचीत नहीं हुई है. सीटों को लेकर उनमें और औवैसी में कोई झगड़ा भी नहीं है. 403 विधानसभा सीटें उत्तर प्रदेश में हैं. हम लोग अपने-अपने संगठन को मजबूत कर रहे हैं, जिसको जितनी सीटों पर लड़ना हो लड़े, उसकी कहीं कोई दिक्कत नहीं है.

हम किंगमेकर- 'सरकार बनाएंगे, सबको टिकट देंगे'
सीटों के बंटवारे की रणनीति के पीछे के सवाल पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि हमें सरकार बनानी है. सीटें हम ज्यादा से ज्यादा कैसे जीतें, उस पर हम लोग बैठकर चर्चा करके रणनीति बनाएंगे और काम करेंगे. विधानसभा चुनाव में सभी जाति व धर्म के लोग जीतने की क्षमता रखते हैं. मुसलमान जीत सकते हैं, ब्राह्मण जीत सकते हैं, राजपूत जीत सकते हैं, यादव जीत सकते हैं, राजभर चौहान सहित अन्य जातियों के लोग भी चुनाव जीत सकते हैं. इन्हीं में से प्रत्याशियों को लड़ाया जाएगा.

अखिलेश यादव से अभी नहीं हुई मुलाकात
समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव (SP Supremo Akhilesh Yadav) के साथ मुलाकात और सपा के साथ गठबंधन के सवाल पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि हमारी मुलाकात डेढ़ साल से अखिलेश यादव और न ही मायावती से हुई है. किसी से भी मुलाकात नहीं हुई है. बस मुलाकात की अटकलें लगाई जा रही हैं. यह सत्य है कि उत्तर प्रदेश में 'भागीदारी संकल्प मोर्चा' (Bhagidari Sankalp Morcha) किंगमेकर की भूमिका में आज हो गया है. 4 महीना बीतते-बीतते लोग यह कहने लगेंगे, अब जो भी लड़ेगा वह इसी 'भागीदारी संकल्प मोर्चे' के साथ लड़ेगा. हमारे मोर्चे को लोग अभी हल्के में ले रहे हैं, जैसे ही चुनाव का बिगुल बजेगा तब लोगों को समझ में आएगा कि अब क्या होगा?

जनता के विश्वास के आधार पर सरकार बनाएंगे
ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि धरातल पर जनता बदलाव चाहती है और विकल्प चाहती है. जनता सपा, बसपा, भाजपा और कांग्रेस का विकल्प चाहती है. हम लोग 'भागीदारी संकल्प मोर्चा' (Bhagidari Sankalp Morcha) को एक विकल्प के रूप में जनता के सामने लेकर जा रहे हैं. जनता के बीच में हमको लेकर एक विश्वास पैदा हो रहा है. बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के बाद अगर कोई मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है तो वह ओमप्रकाश राजभर ने इस्तीफा दिया है. सदन से लेकर सड़क तक अगर पिछड़े और दलित की बात कोई कर रहा है तो ओमप्रकाश राजभर कर रहा है. कोई दलितों, पिछड़ों के हक के बारे में नहीं बोलता है. पिछड़ों और दलितों के बीच में हमको लेकर विश्वास जगा है. हम उस विश्वास के आधार पर 2022 (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) में सरकार बनाने जा रहे हैं.

भाजपा डूबती हुई नैया, सपा, बसपा कांग्रेस साथ आएंगे तो उनका स्वागत
भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के साथ एक बार फिर जाने के सवाल पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी डूबती हुई नैया है. उसके साथ हम तो नहीं जाएंगे, जिसको मरना हो वह जाए. हमारे जो विचार हैं, जो हमारी सोच है, चुनाव लड़ने को लेकर जो हमारा उद्देश्य है, अगर वह सपा, बसपा और कांग्रेस को सही लगता है तो वह हमारे साथ आ सकते हैं. हम उनका स्वागत करेंगे. हमें किसी से कोई परहेज नहीं है.

नाकामी छिपाने के लिए मोदी मंत्रिमंडल का हुआ विस्तार
मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार (Modi Cabinet Expansion) पर उत्तर प्रदेश केंद्र बिंदु में और कई चेहरों को शामिल किए जाने के सवाल पर पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि अपनी नाकामी छुपाने के लिए मंत्रिमंडल का विस्तार केंद्र सरकार ने किया है. भारतीय जनता पार्टी मोदी, योगी, अमित शाह या उनके जो टॉप के लीडर हैं, इनको सिर्फ वोट से मतलब है. समाज में शिक्षा बेहतर कैसे हो, बेरोजगारी कैसे दूर हो, महंगाई कैसे कम हो, इस पर कोई चिंता नहीं है और न कोई दिमाग लगा रहा है. इन्हें सिर्फ वोट की चिंता है. इसीलिए जातियों को चिन्हित करके मंत्रियों को बनाने का काम किया गया है. यह सिर्फ लोडर लोग हैं और मंत्री पद का झुनझुना इन्हें दे दिया गया है. इन लोगों से कहा गया है कि अपने समाज में जाओ और भारतीय जनता पार्टी को वोट दिलाने का काम करो. समाज भी अब समझ गया है कि इनके झुनझुने को और अब कुछ नहीं होने वाला है. समाज इनके बहकावे में नहीं आने वाला है. यह सब दगे हुए कारतूस हैं.

इन मुद्दों के साथ चुनावी मैदान में जाएंगे
2022 के विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) में किन मुद्दों को लेकर 'भागीदारी संकल्प मोर्चा' चुनावी मैदान में जाएगा, उसको लेकर पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि हमारा साफ-साफ उद्देश्य है कि हम घरेलू बिजली का बिल माफ करना चाहते हैं, गरीबों का इलाज फ्री कराना चाहते हैं, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लागू करना चाहते हैं, जो पिछले कई सालों से रद्दी की टोकरी में पड़ी हुई है. गरीब सवर्णों को आरक्षण भारतीय जनता पार्टी दे सकती है, लेकिन सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करके अति पिछड़ों को आरक्षण दिये जाने का फैसला भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं कर पा रही है. हम एक समान शिक्षा, अनिवार्य शिक्षा और फ्री शिक्षा लागू करने की बात कर रहे हैं. हम प्रदेश में भाईचारा अमन-चैन कायम करने के मुद्दे के साथ चुनावी मैदान में जाएंगे.

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