लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव के सात चरणों में से चार चरणों के मतदान हो चुके हैं. इन इलाकों के प्रत्याशियों का भविष्य ईवीएम में कैद हो चुका है. ऐसे में बसपा का फोकस अब पूर्वांचल पर है. गुरुवार को पार्टी प्रमुख मायावती ने बस्ती में जनसभा कर वोटरों को रिझाने की कोशिश की. वहीं, राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा प्रयागराज मथ रहे हैं.
गौरतलब है कि बसपा को साख बचाने लिए यह चुनाव अहम है. ऐसे में बसपा सुप्रीमो मायावती अपनी पूरी ताकत झोंक रही हैं. इसके चलते पूर्वी यूपी में उनकी पांच रैलियां होनी हैं. वो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को घेरने के लिए गोरखपुर में भी जनसभा करेंगी. इस दौरान भाजपा-सपा पर हमलावर रहेंगी. बता दें कि मायावती ने 2 फरवरी को आगरा से रैली शुरू की थी.
भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले वरिष्ठ नेता अमित शाह ने भले ही 'बसपा मजबूती से चुनाव लड़ रही है' जैसे सहानुभुति वाले बयान दिए हों. लेकिन, बसपा ने अब आक्रामक मूड में रहने का फैसला किया है. पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि भाजपा से सहानुभुति उनके वोट बैंक में सेंध लगा सकता है. इसके साथ ही दोनों पार्टी के भविष्य में गठबंधन होने का संदेश जाने से उसका सियासी नुकसान हो सकता है. ऐसे में बसपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. एमएच खान ने स्पष्ट किया कि भाजपा के साथ पार्टी का कोई गठबंधन नहीं होगा, भाजपा साम्प्रदायिक पार्टी है.
यह भी पढ़ें-UP Assembly Election 2022 : मंत्री नवाब मलिक की गिरफ्तारी पर मायावती ने किया ट्वीट