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UP Assembly Elections 2022 : यूपी में कैसे मजबूत होगा कांग्रेस का हाथ, जब अपने ही छोड़ रहे साथ !

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) धीरे-धीरे करीब आ रहा है. सभी पार्टियां अब जोर आजमाइश में लग गई हैं. लेकिन इस दौरान कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी मुसीबत यह है कि पार्टी के नेता ही कांग्रेस का साथ छोड़ रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस अपने नेताओं को समझाने में लगी हुई है.

UP Assembly Elections 2022
UP Assembly Elections 2022

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Published : Sep 20, 2021, 6:20 PM IST

लखनऊ : एक तरफ संगठन सृजन अभियान चलाकर कांग्रेस पार्टी नए लोगों को अपने साथ जोड़कर, यूपी में 32 साल का बनवास समाप्त करने की जुगत में लगी हुई है, वहीं दूसरी ओर पार्टी के अपने ही 'हाथ' छोड़कर जा रहे हैं. कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ललितेश पति त्रिपाठी के इस्तीफे से, पूर्वांचल के औरंगाबाद हाउस में सेंध लगने के बाद अब पश्चिम में भी पार्टी के बड़े नेता कांग्रेस को झटका दे सकते हैं.

चर्चा तेज हो गई है कि सहारनपुर के दो बड़े नेता जल्द ही 'हाथ' छोड़कर किसी और पार्टी का साथ पकड़ सकते हैं. ऐसे में कांग्रेस पार्टी के लिए यह चिंता का सबब बनता जा रहा है कि अपनों को कैसे रोका जाए. हालांकि ललितेश पति त्रिपाठी को मनाने की कोशिश भी आलाकमान की तरफ से शुरू हो गई है. पार्टी को लगता है कि अगर ललितेश कांग्रेस से जाते हैं तो इसका संदेश भी यूपी में गलत ही जाएगा और पार्टी को नुकसान होगा. ललितेश के साथ ही अन्य नेता भी जो पार्टी से जाना चाहते हैं उन्हें भी समझाने बुझाने में नेता लग गए हैं.

UP Assembly Elections 2022

पश्चिम में भी लग सकता है झटका, चर्चाओं का बाजार गर्म
कांग्रेस पार्टी ने संगठन सृजन अभियान से नए लोगों को साथ जोड़ने का बीड़ा उठाया है. इसके बाद जय भारत जनसंपर्क महाअभियान चलाया, जिसमें 90 लाख लोगों से मुलाकात की और पार्टी के साथ जोड़ने की कोशिश की. हालांकि पार्टी के साथ लोग जुड़ तो कम रहे हैं, लेकिन बाहर ज्यादा लोग जा रहे हैं. पार्टी ने सभी के लिए अपने दरवाजे भी खोल रखे हैं, लेकिन पार्टी अपनों को इसी दरवाजे से बाहर निकलने से भी नहीं रोक पा रही है. हाल ही में पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष ललितेश पति त्रिपाठी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. अब चर्चा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से पार्टी के बड़े नेता किसी और दल में शामिल हो सकते हैं. यह पार्टी के लिए बड़ा झटका होगा. हालांकि ललितेश पति त्रिपाठी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी सक्रिय हो गया है. अब जिन नेताओं के पार्टी छोड़ने की चर्चा चल रही है, उनसे संपर्क स्थापित किया जा रहा है और उन्हें पार्टी के साथ रहने को भी कहा जा रहा है.



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टूटी है कई पीढ़ियों की परंपरा

कांग्रेस पार्टी को भी यह उम्मीद नहीं थी कि पिछली चार पीढ़ियों से जो घराना पार्टी के साथ साए की तरह लगा हुआ है, चौथी पीढ़ी में वह भी बिखर जाएगा. ललितेश पति त्रिपाठी के इस्तीफे की उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि दिल्ली तक इसे लेकर चर्चा है. पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ललितेश पति त्रिपाठी का इस्तीफा मंजूर नहीं किया है, बल्कि उन्हें मिलने का समय दिया है. ऐसे में अब भी कांग्रेस को उम्मीद है कि ललितेश पति त्रिपाठी हाथ छोड़कर नहीं जाएंगे.


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