लखनऊ: बसपा प्रमुख मायावती (BSP Chief Mayawati) की मां का कुछ दिन पहले निधन हो गया था. ऐसे में पार्टी की गतिविधियां थमी रहीं. वहीं, विधानसभा चुनाव को लेकर मायावती जल्द ही दिल्ली से लखनऊ लौटीं. पार्टी मुख्यालय पर ताबड़तोड़ विधानसभाओं की समीक्षा बैठकें शुरू कीं. मंगलवार को उन्होंने सुरक्षित सीटों के पदाधिकारियों संग बैठक की और उन्हें चुनावी मंत्र दिया. साथ ही बसपा सरकार के कार्यों का फोल्डर जारी किया. इसे कार्यकर्ता गांव-गांव बांटेंगे. इस दौरान किसानों के मसलों को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा.
उन्होंने कहा कि किसानों की मांगों को जल्द पूरा किया जाएं. बसपा प्रमुख मायावती की मां का 13 नवम्बर को निधन हो गया था. इस दौरान वे दिल्ली चली गई थीं. ऐसे में पार्टी गतिविधियों पर कुछ दिन तक ब्रेक लग गया था, लेकिन जल्द ही लखनऊ लौटकर विधान सभा चुनाव की तैयारियों में जुट गईं. इस दौरान चार मंडलों की समीक्षा बैठक की और विधानसभा, सेक्टर, पोलिंग बूथ कमेटी के कार्यों को जाना.
बसपा प्रमुख ने आज यूपी की 86 सुरक्षित सीटों के विधानसभा अध्यक्षों की बैठक ली. इसमें 84 एससी और 2 एसटी सीट के पदाधिकारी जुटे. उनसे विधानसभा में बनी बूथ लेवल कमेटी के कार्यों को जाना. साथ ही एक फोल्डर जारी किया. इसमें बसपा सरकार के कार्यों का लेखा-जोखा है. कार्यकर्ता गांव-गांव बसपा कार्यों का बखान करेंगे. मायावती ने कहा कि फोल्डर में कई ऐसी योजना हैं, जोकि बसपा सरकार की हैं. उन्हें भाजपा-सपा नाम बदलकर अपनी उपलब्धियों में गिना रही हैं. ऐसे में जनता हकीकत समझ सकेगी.
मायावती ने कहा कि पार्टी में अपर कास्ट को भी जोड़ने का काम किया जा रहा है. खासकर ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को कमान सौंपी गई है. वर्ष 2007 की तरह बसपा अधिक से अधिक सीटें जीतने पर फोकस करेगी. बीएसपी हवाई घोषणा पत्र जारी नहीं करती, बल्कि काम करती है. वहीं, पदाधिकारियों ने कार्यकर्ताओं की बंद कमरे में मीटिंग लेने की सलाह दी. साथ ही उनके कामों का रिव्यू लेने के लिए कहा.