लखनऊ: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी की ओर से महिलाओं के लिए जारी 'शक्ति विधान' घोषणा पत्र पर भारतीय जनता पार्टी नेकटाक्ष किया है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हरीश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस इस समय वैचारिक वैक्यूम से गुजर रही है. कांग्रेस के पास कार्यकर्ता ही नहीं है, तो वह किस महिला को टिकट देंगी. महिलाओं को टिकटों में आरक्षण देने की यह नीति छत्तीसगढ़, पंजाब, महाराष्ट्र और राजस्थान में कहां चली जाती है. कांग्रेस जितने चाहे वादे कर ले, जितनी चाहे घोषणा पत्र बना ले, विधानसभा चुनाव 2022 पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ने वाला नहीं है.
भाजपा प्रवक्ता हरीश चंद्र श्रीवास्तव. ईटीवी भारत से बातचीत में हरीश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस की लाइन लेंथ बिगड़ चुकी है. अब कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपने खोखले वादों पर उतर चुकी है. कांग्रेस के साथ में विचार का अभाव है, पूरी तरह से वैक्यूम की स्थिति में कांग्रेस है. कांग्रेस उत्तर प्रदेश में 40 फीसद महिलाओं को टिकट देकर मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश की है. लेकिन जनता जानती है कि यह केवल एक छलावा भर है, ऐसा कुछ भी नहीं होने जा रहा है. इसे भी पढ़ें-प्रियंका का 'शक्ति विधान' घोषणा पत्र, महिलाओं को चुनाव और नौकरियों में 40 फीसद आरक्षण
हरिश चंद श्रीवास्तव ने कहा कि चुनाव तो पंजाब में भी हो रहा है. वहां पर कांग्रेस पार्टी महिलाओं को 40 फीसद आरक्षण क्यों नहीं दे रही है. कांग्रेस चाहे जितने भी तरह के घोषणापत्र को जारी करते रहे लेकिन उत्तर प्रदेश के चुनाव पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है.
वहीं, कांग्रेस के घोषणा पत्र पर समाजवादी पार्टी का कहना है कि यह सिर्फ चुनावी घोषणा पत्र है. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने पूर्व में महिलाओं के हित के लिए तमाम काम किए थे. आज जो लोग महिलाओं पर केंद्रित घोषणा पत्र जारी कर रहे हैं, वह चुनावी घोषणापत्र है. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है. वहां इस प्रकार के काम उन्हें करके पहले दिखाना चाहिए.
सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में महिलाओं की सुरक्षा के लिए उनकी मदद के लिए हेल्पलाइन 1090 की सुविधा शुरू की थी. महिलाओं को पेंशन और लैपटॉप दिया गया था. सपा सरकार में एसिड पीड़ित महिलाओं की सहायता करने का काम हुआ था. आज जो लोग महिलाओं के लिए वादे कर रहे हैं, पहले वह उन प्रदेशों में इन वादों को पूरा करना चाहिए, जहां उनकी सरकार हैं.
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