लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनावी रणनीति बनाते हुए उम्मीदवारों का ऐलान कर रहे हैं. करीब 2 साल से कई मामलों में आरोपी होने के चलते जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व सपा के मुस्लिम चेहरे आजम खां को रामपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव एक सोची-समझी रणनीति के तहत जेल में बंद रामपुर से सांसद आजम खान व पिछले दिनों ही जेल से रिहा होने वाले आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम को विधानसभा चुनाव लड़ा रहे हैं.
मुस्लिम समाज को यह संदेश देने की अखिलेश यादव कोशिश कर रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार भले ही आजम खां पर कितने भी जुल्म करें, लेकिन वह आजम परिवार के साथ थे, हैं और आगे भी रहेंगे. यही कारण है कि अखिलेश यादव ने आजम खां को रामपुर विधानसभा सीट से तो उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को स्वार विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है.
स्वार सीट से 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अब्दुल्ला आजम को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन आयु प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़े के चलते न्यायालय ने अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी थी और स्वार सीट रिक्त कर दी गई थी. अब जब विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो गया है तो समाजवादी पार्टी ने आजम परिवार पर विश्वास जताया और मुस्लिम समाज को साथ लाने की कवायद के साथ उन्हें उम्मीदवार बनाया है. इससे समाजवादी पार्टी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में काफी फायदा मिलने की उम्मीद भी है.
सपा से जुड़े नेता बताते हैं कि जेल में ही रहकर आजम खां चुनाव लड़ेंगे और चुनाव प्रचार की पूरी कमान उनके बेटे अब्दुल्ला आजम संभालेंगे. सूत्र यह भी कहते हैं कि आजम की कई मामलों में जमानत हो चुकी है तो अब सिर्फ एक या दो मामलों में ही उनकी जमानत होना बाकी है. आजम के परिवारीजन उनकी जमानत कराने का प्रयास कर रहे हैं. परिवार को उम्मीद है कि जमानत कभी भी हो सकती है और वह जेल की सलाखों से बाहर आएंगे. साथ ही समाजवादी पार्टी के चुनाव प्रचार की कमान भी संभालेंगे.